Wednesday, October 21, 2015

फरीदाबाद में दलितों को जलाने की कथित घटना कहीं मिडिया के दलालों और सेकुलर गैंग द्वारा बिहार चुनाव को प्रभावित करने की साजिश तो नहीं???(prestitutes in faridabad)

----फरीदाबाद में दलितों को जलाने की कथित घटना कहीं मिडिया के दलालों और सेकुलर गैंग द्वारा बिहार चुनाव को प्रभावित करने की साजिश तो नहीं??????----

फरीदाबाद के सुनपेड़ गांव में दबंग राजपूत नही थे बल्कि वहां के दलित परिवार पिछले कई दशक से गुंडई कर रहे थे जबकि राजपूत ही इन्हें बर्दाश्त कर रहे थे क्योंकि हरियाणा में दलितों का बड़ा वोटबैंक है और वहां राजपूतो की संख्या दलितों के सामने न के बराबर है इसलिए शासन प्रशासन का पूरा समर्थन इन कथित दलितों को प्राप्त था।

एक वर्ष पहले इसी दलित परिवार के लोगो ने छोटे से विवाद में 3 राजपूतों की नृशंस हत्या कर दी थी तब उन राजपूतो का दुःख दर्द बाटने कौन गया??
उनके बच्चे भी अनाथ हुए होंगे तब मिडिया के दलाल कहाँ मर गए थे???
तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और हुड्डा मुख्यमंत्री था तब राहुल गांधी उन राजपूत परिवारो के आंसू पोंछने क्यों नही गया था??????
राहुल गांधी के राजपूत चमचे दिग्विजय सिंह,भवर जितेंद्र सिंह,वीरभद्र सिंह,शक्तिसिंह गोहिल उस समय क्या कर रहे थे???
इन चमचो के सोशल मिडिया पर तरफदारी करने वाले कथित बुद्धिजीवी उस समय कहाँ थे???
केजरीवाल,मनीष सिसोदिया,,संजय सिंह उस समय कहाँ थे??

अगर ये सब हरामी उस समय पीड़ित राजपूतो के आंसू पोछने उस समय नही गए तो आज इस घटना के बाद उन्हें अपना कर्तब्य कैसे याद आ गया????

----अब की ताजा घटना-----
दरअसल 3 राजपूतो की हत्या के कई आरोपी जेल में बन्द थे और उन्हें सजा होने वाली थी और वो लगातार पीड़ित राजपूतो पर समझोते का दबाव डाल रहे थे।
अगर छन कर आ रही सूचनाओ पर यकीन करे तो इस दलित परिवार के पति पत्नी में कलह के बाद पत्नी ने खुद बच्चों सहित आग लगाई।पति और परिवारजनो ने बचाने की कोशीस की पर बच्चे नही बच पाए।

ये भी हो सकता है कि केस उलटा करने के लिए ऐसा प्रतीत होता है दो बच्चों की हत्या एक साजिश है ॥
बच्चे झुलस गए , न कम्बल जला न खिलौने ॥ माँ को कुछ न हुआ , बापके सिर्फ हाथ झुलसे ॥ बैड थोडा बहुत जला , घर के बाकी सामान जस के तस ॥

पर इस घटना के बाद उस दलित परिवार ने इसे पुराने मामले में राजपूतो से समझोते के लिये इस्तेमाल कर इसका आरोप राजपूतो पर ही मढ़ दिया और बचा खुचा काम मोदी विरोधी मिडिया और कांग्रेस ने बिहार चुनाव में दलितों को भड़काने के लिए इस घटना को तूल दे दिया।।।

राजपूत् तो सामने से वार करता है आग लगाकर बच्चों को मारना जैसा काम गिरे से गिरा राजपूत भी नही कर सकता।

सुबह से शाम तक दबंगोंकी दलितों पर किये गए अत्याचार की झूठी कहानी का भंडाभोड कर दिया ज़ी न्यूज़ ने। बहुत  बहुत धन्यवाद।
     एक खिड़की से पेट्रोल फैंका गया एक बेड पर लेकिन खिड़की की तरफ बेड क्यों नहीं जला?
जबकि सबसे ज्यादा वहीँ जलता? जबकि बेड की स्थिति देखें तो उसकी अंदर की एक साइड जली है थोड़ी सी। व् उसी कमरे में दो दरवाजे भी थे। तो क्यों एक बाप अपने दो बच्चों को क्यों बचा नहीं सका दूसरे दरवाजे से निकाल कर????

आज अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के नेताओं के दौरे पर सुनपेड़ में हुई घटना के पीडित परिवार द्वारा आरोपी बताये जाने वाले परिवार की महिलाएं उपस्थित थी। जिन पर आरोप लगाये गये है उन परिवार की महिलाएं जिनमें राजबाला, कविता, नीरज, ललिता, मन्दा, हेमलता, गायत्री, विमला, शशि, सुदेश, महेन्द्री, कमला, लल्ली ने बताया मृतक बच्चों का उनको भी काफी दुख है पंरतु पीडित परिवार जिस प्रकार के आरोप हमारे परिवार पर लगा रहा है ऐसा कुछ भी नहीं है।

इस मुद्दे पर मीडिया एक पक्ष का बयान दिखा देश को भ्रमित कर रहा है जिन्हे दबंग बता रहा है उनके परिवार की महिलाओं की हालत तो देखें जो पट्टे पर खेत लेकर मजदूरी कर रही हैं । एक महिला राजबाला सिंह ने बताया कि जिस घर के बच्चे जले हैं उस घर का मालिक शराब पीकर अपनी पत्नी को मारता था अभी कुछ दिन पहले ही उसकी पत्नी वापस आई थी जहाँ फिर मारपीट शुरू हो गयी थी और पति पत्नी की लड़ाई में दोनों में से किसी ने घर में आग लगा दी बच्चों को जला कर मार दिया और आरोप पुराने मामले की रंजिश की वजह से हमारे परिवार को फंसा दिया।

उन्होंने बताया कि पीडित परिवार जो पुराने केस की बात करके हम पर आरोप लगा रहा है वह पूरी तरह से निराधार है क्योकि यह केस तो अब ब्यान की स्थिति पर पहुंच गया था और फैसला हमारे हक में आने वाला था। इसी को देखते हुए दलित परिवार इस तरह का षडयंत्र रचकर हमें फंसाने का काम कऱ रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार के दोरान जब यह हादसा हुआ तब राजपूत परिवार के तीन मुखियाओं की हत्या की गयी लेकिन उस समय इस तरह की राजनीति नहीं हुई थी जो की जा रही है जैसा कि उस वक्त भी राहुल गांधी व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र हुड्डा ने चुप्पी साधी हुई थी। आज वही लोग इस मामले को राजनीतिक रंग देने के लिए आगे आ रहे हैं।

महिलाओं ने कहा कि सरकार व प्रशासन पर उन्हें पूरा भरोसा है कि निष्पक्ष जांच के चलते इस मामले का दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा और कौन आरोपी है वह सामने आ जायेगा। पत्रकार वार्ता को सम्बेाधित करते हुए राजपूत सभा के प्रदेश अध्यक्ष कु. उमेश भाटी ने कहाकि इस मामले की सरकार द्वारा निष्पक्ष जांच की उम्मीद है और वह उन सभी विपक्षी पार्टियों के राजनेताओ को चेतावनी देते है जो कि इस तरह की औच्छी राजनीति ना करे एवं मामले को सुलझाने का काम करें ना की राजनीतिक रंग दे।

पिछले साल इन्हीं दलितों ने तीन राजपूतो को मार दिया तब ये अंजना ओम कश्यप और पूरी मिडिया कहाँ थी ? तब पीड़ित राजपूतो के पक्ष में क्यों नहीं बोली ?
दबंग का मतलब सिर्फ सवर्ण नहीं होता .,. जो भी दूसरी जाति को कुचले उन्हें परेशान करे वही दबंग है .... सुनपेड़ में 32 साल से दलित भी बराबर उन कथित दबंगों की हत्या कर रहे हैं तो फिर ये राजपूतो के खिलाफ राजनीती क्यों ???

मीडिया की ये चाल जय भीम जय मीम के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है ... और दलित कार्ड खेलकर गौमांस के मुद्दे को ढँकने की तैयारी की जा रही है ..और बिहार के चुनाव में इस मुद्दे पर वहां के दलितों को भड़का कर लालू नितीश कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में हवा बनाने का देशद्रोही षड्यंत्र है।....

वैसे पिछले साल का न्यूज़ पेपर किसी के पास हो तो पता लगाओ दबंगों की मौत पर भी मीडिया रोइ थी क्या :)

सेक्युलरों के पिछवाड़े में पेट्रोल का फव्वा लगाते हुए कल हरियाणा के सीएम खट्टर ने एलान किया कि बल्लभगढ़ जाएंगे। लेकिन उन्हें बताया गया था कि खट्टर साहब जाओगे तो जाना दोनों जातियो के पीडितो के घर। नहीं तो गलत हो जाएगा। बाकी तो आप हमसे ज्यादा समझदार हैं।

इसके बाद साजिश की बू आते ही सीएम खट्टर ने अपना दौरा निरस्त करके सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।
उम्मीद है सीबीआई जाँच में सब सच सामने आ जाएगा और जो भी दोषी होगा उसे सजा जरूर मिलेगी।।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा द्वारा आज बल्लभगढ में एक प्रैस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रैस वार्ता में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कु.. उमेश भाटी, जगबीर भदोरिया, मनोज रावत, लोकेश भदोरिया, सुल्तान सिंह, सत्यभान चौहान, दीपू चौहान उपस्थित थे। इस अवसर पर सुनपेड़ में हुई घटना के पीडित परिवार द्वारा आरोपी बताये जाने वाले परिवार की महिलाएं उपस्थित थी।।
जय राजपूताना।।।।

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