Sunday, May 8, 2016

अमर स्वतंत्रता सेनानी, शहीद महावीर सिंह राठौर Mahaveer singh rathore, the great freedom fighter

अमर स्वतंत्रता सेनानी, शहीद महावीर सिंह राठौर जी को शत शत नमन _/\_

कृप्या एक बार पूरा पढ़े और शेयर जरूर करें।

16 सितंबर 1904 को उत्तर प्रदेश के एटा जिले के राठौर राजपूतो के ठिकाने राजा का रामपुर के शाहपुर टहला (अब कासगंज जिला) में ठाकुर देवी सिंह जी के यहाँ जन्मे महावीर सिंह ने एटा के राजकीय इंटर कॉलेज से पढाई करने के बाद आगे की पढाई के लिये कानपुर के DAV कॉलेज में दाखिल लिया। महावीर सिंह जी को घर से ही देशभक्ति की शिक्षा मिली थी। कानपुर में इनको क्रान्तिकारियो का सानिध्य मिला और ये पूरी तरह अंग्रेजो के विरुद्ध क्रांतिकारी संघर्ष में कूद पड़े। उनके पिता को भी जब इसका पता चला तो उन्होंने कोई विरोध करने की जगह अपने पुत्र को देश के लिये बलिदान होने के लिये आशीर्वाद दिया। भगत सिंह जैसे अनेक क्रांतिकारी अंग्रेज़ो से छिपने के लिये उनके गाँव के घर में ही रुकते थे। भगत सिंह खुद 3 दिन उनके घर रुके थे।

काकोरी कांड और सांडर्स कांड में शामिल होने के बाद वो अंग्रेज़ो के लिये चुनौती बन गए थे। उन्होंने सांडर्स की हत्या के बाद भगत सिंह को लाहौर से निकालने में सक्रीय भूमिका निभाई थी। अपने खिलाफ अंग्रेज़ो के सक्रिय होने के बाद वो भूमिगत होकर काम करने लगे। अंत में 1929 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें अन्य क्रान्तिकारियो के साथ काला पानी की सजा सुनाई गई।

बलिदान--
जैल में क्रान्तिकारियो के साथ बहुत बुरा बर्ताव होता था। उनको अनेक यातनाऐं दी जाती थीं और बदसलूकी की जाती थी। काफी यातनाए सहने के बाद बन्दियों ने विरोध करने का फैसला लिया और जेल में बदसलूकी और बदइंतेजामी के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू की। अंग्रेज़ो ने भूख हड़ताल को तोड़ने की अनेक कोशिशे की लेकिन सब बेकार रहा। बन्दियों को जबरदस्ती खाना खिलाने का प्रयत्न किया, जिसमे अनेको क्रान्तिकारियो की भूख हड़ताल तुड़वाने में सफल रहे। अंग्रेज़ो ने महावीर सिंह जी की भी भूख हड़ताल तुड़वाने की बहुत कोशिश की, अनेको लालच दिए, यातनाए दी लेकिन बलिष्ठ शरीर के स्वामी महावीर सिंह जी की भूख हड़ताल नही तुड़वा पाए। अंग्रेज़ो ने फिर जबरदस्ती करके मुँह में खाना ठूसने की कोशिश की, इसमें भी वो सफल नही हो पाए। इसके बाद अंग्रेजो ने नली को नाक के द्वारा गले में पहुँचाकर उन्हें जबरदस्ती दूध पिलाने की कोशिश की जिसमे उन्हें जमीन पर गिराकर 8 पुलिसवालो ने पकड़ा हुआ था। हठी महावीर सिंह राठौड़ ने पूरी जान लगाकर इसका विरोध किया जिससे दूध उनके फेफड़ो में चला गया जिससे तड़प तड़पकर उनकी 17 मई 1933 को मृत्यु हो गई और उन्होंने शहीदों की श्रेणी में अपना नाम अमर कर दिया। अंग्रेज़ो ने शहीद के घर वालो तक को शव नही ले जाने दिया और शव को पत्थरों से बांधकर समुद्र में फेंक दिया।

दुःख की बात ये है की आज ऐसे बलिदानी महापुरुषो, जिनकी वजह से हमे अंग्रेज़ो से स्वतंत्रता नसीब हुई के बारे में बहुत कम लोग जानते हैँ। महावीर सिंह राठौड़ ऐसे ही एक राजपूत योद्धा थे जिनकी शहादत से बहुत कम लोग परिचित हैँ जबकि ना केवल उन्होंने बल्कि उनके परिवार को भी उनकी राष्ट्रभक्ति की कीमत यातनाओ के साथ चुकानी पड़ी। अंग्रेज़ो की यातनाओ से तंग आकर उनके परिवार को 9 बार घर बदलना पड़ा और आज भी उनके परिवारीजन गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैँ जबकि उस वक्त जेल में मजे से रोटी खाने वाले और अंग्रेज़ो से गलबहियां करने वाले स्वतंत्रता आंदोलन का सारा श्रेय लेकर सांसद, मंत्री और प्रधानमन्त्री तक बन गए और उनके परिवारीजन अब भी मौज कर रहे हैँ। ऐसे लोगो की मुर्तिया चौक, चौराहो पर लगी हैँ, इनके नाम पर हजारो इमारतों का नामकरण किया गया है लेकिन महावीर सिंह राठौड़ जी की उनके गृह जिले एटा में भी कोई मूर्ती नही है....

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15 comments:

  1. My Grand father Is Brave Man And I Proud Of My Country My Village And My All Freedom fighter Heroes

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  2. Well yes our family has shifted from our native place ,rather forced to shift from Tehla due to every day interference from Police, and shifted to Banasthali Vidhyapeeth near Jaipur , and now we are at Malviya Nagar ,Jaipur . I am Aseem Rathore grand son of Shaheed Maveer Singh. You can call me at 9829013303

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  3. हमें काला पानी के हीरो अमर शहीद क्रांतिकारी महावीर सिंह राठौर पर गर्व है-कवि शरद लंकेश-पटियाली-कासगंज
    9412616719

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  4. We salute your grandfather for the sacrifice he has done for our freedom..he is still alive on our heart

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  5. I am writing a book on freedom fighters, in the book their sacrifice will be high light book will be in poetic ryeme

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  6. I am announcing with proud that i belongs to Shahour tahla village where my great warrior Sh. Amar Saheed Mahaveer Singh Ji Baba ji was born......regards,
    Gyanendra Kumar Singh
    8287438895

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  7. शत शाट नमन उन महावीरों को जिनकी बदौलत हम आज आजाद है, एटा बासी भूल गए उन्हें समुचित सम्मान नही दिया गया, शायद हमने महान आत्मा श्री महावीर सिंह को भुला दिया । एटा मैं कहीं उनका स्मारक नही है।

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  8. महावीर सिंह राठौड़ का जन्म कब हुआ?
    1904 या 1908

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  9. शहीदों को किसी जाति से जोड़ना सही नहीं है। हर जाति-धर्म में क्रांतिकारी, देशभक्त भी रहे हैं और अंग्रेजों के पिट्ठू-दलाल भी। महत्वपूर्ण यह है कि बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की गुलामी झेल रहे देश के लिए हम आज क्या कर सकते हैं! ...
    अमर शहीद महावीर सिंह को शत-शत नमन!

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  10. We proud of Amar sahid Mahavir Singh Rathore prolstim and bravery

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  11. We proud mahaveer Singh ji jai hind

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