Friday, July 15, 2016

शहीद उदासिंह राठौड़ जी,एक वीर सिख राजपूत यौद्धा

सिक्ख धर्म की स्थापना में राजपूतों का योगदान भाग-5

वीर सिक्ख राजपूत यौद्धा शहीद भाई ऊदा जी राठौड़ (रमाने राठौड़)

श्री गुरु तेगबहादुर जी की दिल्ली के चांदनी चौंक में हुई शहादत के पश्चात उनके पावन धड़ का अंतिम संस्कार भाई लक्खी राय जी ने अपने घर को आग लगाकर कर दिया गया ।
दूसरी तरफ भाई जैता जी गुरु साहिब के शीश को उठा के चल पड़े । रास्ते में उनके पिता भाई अाज्ञा जी,भाई नानू जी व भाई ऊदा जी उनसे आ मिले ।
ये चारों सिख दिन रात सफर करके श्री आनंदपुर साहिब पहुंचे ।
गुरु गोबिन्द सिंघ जी ने सभी को प्यार दिया व विशेष रूप से भाई जैता जी को रंघरेटा गुरु का बेटा कह के सम्मान दिया ।
भाई अाज्ञा जी व भाई जैता जी रंघरेटा जाति से संबंध रखते थे और दिल्ली निवासी थे ।
भाई नानू जी छींबा जाति से संबंध रखते थे और वो भी दिल्ली निवासी थे ।
भाई ऊदा जी राठौड़ राजपूत घराने से संबंध रखते थे और उनकी शाखा "रमाने" थी ।
भाई ऊदा जी का जन्म राव खेमा चंदनीया जी के घर 14 जून 1646 ईस्वी को हुआ ।
आप राव धर्मा जी राठौड़ के पोते व राव भोजा जी राठौड़ के पड़पोते थे ।
आप की उस्ताद भाई बज्जर सिंघ जी राठौड़ के साथ भी रिश्तेदारी थी क्योंकि "उदाने" व "रमाने" दो सगे भाईयों राव ऊदा जी राठौड़ व राव रामा जी राठौड़ के वंशज हैं ।
भाई ऊदा जी, गुरु गोबिन्द सिंघ जी व सिख सेना द्वारा लड़े गये भंगाणी के युद्ध में 18 सितंबर 1688 को शहीद हुए थे । उनके साथ गुरु गोबिन्द सिंघ जी की बुआ बीबी वीरो जी के सुपुत्र भाई संगो शाह जी व भाई जीत मल जी एवं राव माई दास जी पंवार के पुत्र भाई हठी चंद भी शहीद हुए थे ।
भाट बहियों/ख्यातों में उनकी शहीदी का जिक्र है-

"ऊदा बेटा खेमे चंदनिया का पोता धरमे का पड़पोता भोजे का, सूरज बंसी गौतम गोत्र राठौड़ रमाना, गुरु की बुआ के बेटे संगो शाह, जीत मल बेटे साधु के पोते धरमे खोसले खत्री के गैल रणभूमि में आये । साल सत्रह सै पैंतालीस असुज प्रविष्टे अठारह, भंगाणी के मल्हान, जमना गिरि के मध्यान्ह ,राज नाहन, एक घरी दिहुं खले जूझंते सूरेयों गैल साह्मे माथे जूझ कर मरा । गैलों हठी चंद बेटा माई दास का, पोता बल्लू राय का, चन्द्र बंसी, भारद्वाज गोत्र,पंवार,  बंस बींझे का बंझावत, जल्हाना, बालावत मारा गया ।"
    (भाट बही मुलतानी सिंधी, खाता रमानों का)

भाई ऊदा जी सूर्यवंशी राठौड राजपूत वंश के शासक वर्ग से संबंध रखते थे। वो मारवाड के राठौड राजवंश के वंशंज थे --
**वंशावली**
राव सीहा जी
राव अस्थान
राव दुहड
राव रायपाल
राव कान्हापाल
राव जलहनसी
राव छाडा जी
राव टीडा
राव सल्खो
राव वीरम देव
राव चूंडा
राव रिडमल
राव लाखा (राव जोधा के भाई)
राव जौना
राव रामजी
राव सल्हा जी
राव नाथू जी
राव रामा जी
राव रणमल जी
राव भोजा जी
राव धर्मा जी
राव प्रेमा चंदनिया जी
भाई ऊदा जी

लेखक---श्री सतनाम सिंह जी (ग्रेटर कैलाश)

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