Sardar patel Gurjar or Kurmi?????---
गुजरात के पटेल (पाटीदार) गुज्जर हैं या कुर्मी हैं?
या दोनो हैं या
इन दोनों ही जातियों से पाटीदारों का कोई सम्बन्ध है या नही?????
दरअसल गुजरात के पाटीदार कनबी/कुणबी जाति से आते हैं जो पटेल टाइटल लिखते हैं इनका उत्तर भारत की गूजर जाति से दूर दूर तलक कोई सम्बन्ध ही नही है।
पाटीदार असल मे कनबी/कुणबी समुदाय के हैं जो खुद को सोलंकी राजपूतो के समय गुजरात मे आना बताते हैं, ब्रिटिशकाल में ये राजपूत जमीदारों की जमीनें पट्टे पर लेकर सामूहिक रूप से जोतते थे जिसके कारण इन्हें पट्टेदार या पट्टीदार कहा जाता था और इनके गांव का मुखिया पटेल कहलाया जाने लगा।
बाद में गुजरात मे पटेल या पाटीदार कनबी जाति के लिये जातिसूचक हो गया।
इनके दो वर्ग हैं लेवा और कड़वा जिनमे आपस मे विवाह सम्बन्ध आमतौर पर नही होते।
ये गुजरात के पाटीदार स्वयं को क्षत्रियो से निकला हुआ ही बताते हैं कुछ इन्हें क्षत्रिय पिता व ब्राह्मण माता की संतान मानते हैं।
आजकल गुजरात के पाटीदार पटेल खुद का सम्बन्ध बिहार पूर्वांचल के कुर्मियों से जोड़ते हैं।
आजादी के आसपास किसी केएल पंजाबी ने एक बुक लिखी जिसमें उसने सरदार पटेल को गुर्जर लिखा, पर उनका आशय जातिसूचक नही बल्कि स्थानसूचक था।
उसे साक्ष्य मानकर उत्तर भारत की पशुपालक गुज्जर जाति ने सरदार पटेल को गुज्जर ही घोषित कर दिया,
जबकि गुजरात का मूलनिवासी होने के कारण ही मुंबई में मौहम्मद अली जिन्ना औऱ महात्मा गांधी भी 1915 ईसवी में एक संगठन गुर्जर सभा के सदस्य बने थे ,जो उनके गुज्जर जाति के होने का परिचायक नही बल्कि गुजरात का निवासी होने को दर्शाता है,
ऐसे ही गुजरात के महान साहित्यकार इतिहासकार ओर राजनेता श्री केएम मुंशी जो ब्राह्मण थे वो भी स्वयं को गुर्जर लिखते थे उनके अनुसार भी गुर्जर स्थानसूचक संज्ञा थी न कि जातिसूचक।
गुजरात मे गुर्जर काड़िया मिस्त्री नामक जाति भी मिलती है वो विश्वकर्मा समुदाय है उनका भी उत्तर भारत के पशुपालक गुज्जर सुमदाय से कोई सम्बन्ध नही है।
विदेशों में भी गुजराती काड़िया व अन्य गुजरातियों द्वारा गुर्जर सभा नामक संगठन बनाए हुए हैं वो भी वहां गुजरात मूल के लोगो के हैं उनका भी उत्तर भारत के पशुपालक गुज्जर समुदाय से कोई सम्बन्ध नही है!!
आज गुजरात मे पशुपालक गुज्जर जाति की कोई आबादी नही है।।
न जाने कैसे उत्तर भारत के पशुपालक गुज्जर समुदाय ने सरदार पटेल और पाटीदारों को गूजर मानकर इसका प्रचार शुरू कर दिया जिसपर कुछ लोग भरोसा भी करने लग गए।
कुछ गूजर भाई दिल्ली से जाकर सरदार पटेल की पुत्री से मिले कि आप गूजर हो या नही, तो उन्होंने विनम्रता पूर्वक मना कर दिया।
राजस्थान के गुर्जर आंदोलन में पटेलों ने कोई दिलचस्पी नही ली, पर गुजरात के पटेल आंदोलन में गुज्जर समर्थन देने पहुंच गए।
इनको मूर्ख बनाने हार्दिक पटेल एक बार दिल्ली भी आया था।
कुल मिलाकर गुजरात के पटेल/पाटीदार समाज से उत्तर भारत के गूजरो का कोई सम्बन्ध ही नही है।
अब जाकर कुछ समझदार गुज्जर बन्धु इस बात को मानने लगे हैं कि सरदार पटेल और पाटीदार का उत्तर भारत के गुज्जर समाज से कोई सम्बन्ध नही है।पर अधिकांश गुज्जर भी इसी झूठ को जी रहे हैं।
वैसे शारीरिक दृष्टि कद काठी नस्ल के हिसाब से देखे तो उत्तर भारत के गुज्जर गुजरात के पटेलों से बेहतर हैं, गोत्र/खाप/भाषा रिवाज इनमे कुछ भी एक दूजे से नही मिलता।
अब कुछ गूजरो ने गुजरात के पशुपालक मालधारी समुदाय रेबारी को गुज्जर घोषित कर दिया है!!!!
पटेल जिस कुणबी जाति के हैं वो भी उत्तर भारत के कुर्मी समाज की तरह एक कुशल कृषक समाज है, लोकतंत्र में संख्याबल दिखाने के लिए गुजरात के कुणबी पाटीदार और उत्तर भारत के कुर्मी खुद को एक ही होना प्रचारित करते हैं पर असल मे इन दोनों के गोत्र/खाप एक दूसरे से बिल्कुल भी नही मिलते।
यही नही मध्य प्रदेश में कुछ जिले तो ऐसे हैं जहां कुर्मी और (कुणबी)पाटीदार दोनो जातियां मिलती हैं और अलग अलग समाज माने जाते हैं इससे इनके एक ही जाति होने का खंडन हो जाता है,
दरअसल नाम और पेशे में कुछ साम्यता होने के अतिरिक्त गुजरात के (कुणबी)पटेल और यूपी एमपी बिहार के कुर्मी में भी कोई सम्बन्ध नही है।
मजे की बात है कि हरियाणा राजस्थान वेस्ट यूपी का गुज्जर सरदार पटेल को गुज्जर प्रचारित करता है और पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार के कुर्मी सरदार पटेल को कुर्मी बताकर उनकी जयंती मनाते हैं और उनकी देखा देखी पटेल टाइटल भी लिखते हैं जबकि सरदार पटेल न तो गुज्जर थे न ही कुर्मी!!
वो महान नेता थे जिन्होंने भारत राष्ट्र का एकीकरण किया था।वो सर्वसमाज के लिए पूजनीय हैं।
जय श्रीराम
गुजरात के पटेल (पाटीदार) गुज्जर हैं या कुर्मी हैं?
या दोनो हैं या
इन दोनों ही जातियों से पाटीदारों का कोई सम्बन्ध है या नही?????
दरअसल गुजरात के पाटीदार कनबी/कुणबी जाति से आते हैं जो पटेल टाइटल लिखते हैं इनका उत्तर भारत की गूजर जाति से दूर दूर तलक कोई सम्बन्ध ही नही है।
पाटीदार असल मे कनबी/कुणबी समुदाय के हैं जो खुद को सोलंकी राजपूतो के समय गुजरात मे आना बताते हैं, ब्रिटिशकाल में ये राजपूत जमीदारों की जमीनें पट्टे पर लेकर सामूहिक रूप से जोतते थे जिसके कारण इन्हें पट्टेदार या पट्टीदार कहा जाता था और इनके गांव का मुखिया पटेल कहलाया जाने लगा।
बाद में गुजरात मे पटेल या पाटीदार कनबी जाति के लिये जातिसूचक हो गया।
इनके दो वर्ग हैं लेवा और कड़वा जिनमे आपस मे विवाह सम्बन्ध आमतौर पर नही होते।
ये गुजरात के पाटीदार स्वयं को क्षत्रियो से निकला हुआ ही बताते हैं कुछ इन्हें क्षत्रिय पिता व ब्राह्मण माता की संतान मानते हैं।
आजकल गुजरात के पाटीदार पटेल खुद का सम्बन्ध बिहार पूर्वांचल के कुर्मियों से जोड़ते हैं।
आजादी के आसपास किसी केएल पंजाबी ने एक बुक लिखी जिसमें उसने सरदार पटेल को गुर्जर लिखा, पर उनका आशय जातिसूचक नही बल्कि स्थानसूचक था।
उसे साक्ष्य मानकर उत्तर भारत की पशुपालक गुज्जर जाति ने सरदार पटेल को गुज्जर ही घोषित कर दिया,
जबकि गुजरात का मूलनिवासी होने के कारण ही मुंबई में मौहम्मद अली जिन्ना औऱ महात्मा गांधी भी 1915 ईसवी में एक संगठन गुर्जर सभा के सदस्य बने थे ,जो उनके गुज्जर जाति के होने का परिचायक नही बल्कि गुजरात का निवासी होने को दर्शाता है,
ऐसे ही गुजरात के महान साहित्यकार इतिहासकार ओर राजनेता श्री केएम मुंशी जो ब्राह्मण थे वो भी स्वयं को गुर्जर लिखते थे उनके अनुसार भी गुर्जर स्थानसूचक संज्ञा थी न कि जातिसूचक।
गुजरात मे गुर्जर काड़िया मिस्त्री नामक जाति भी मिलती है वो विश्वकर्मा समुदाय है उनका भी उत्तर भारत के पशुपालक गुज्जर सुमदाय से कोई सम्बन्ध नही है।
विदेशों में भी गुजराती काड़िया व अन्य गुजरातियों द्वारा गुर्जर सभा नामक संगठन बनाए हुए हैं वो भी वहां गुजरात मूल के लोगो के हैं उनका भी उत्तर भारत के पशुपालक गुज्जर समुदाय से कोई सम्बन्ध नही है!!
आज गुजरात मे पशुपालक गुज्जर जाति की कोई आबादी नही है।।
न जाने कैसे उत्तर भारत के पशुपालक गुज्जर समुदाय ने सरदार पटेल और पाटीदारों को गूजर मानकर इसका प्रचार शुरू कर दिया जिसपर कुछ लोग भरोसा भी करने लग गए।
कुछ गूजर भाई दिल्ली से जाकर सरदार पटेल की पुत्री से मिले कि आप गूजर हो या नही, तो उन्होंने विनम्रता पूर्वक मना कर दिया।
राजस्थान के गुर्जर आंदोलन में पटेलों ने कोई दिलचस्पी नही ली, पर गुजरात के पटेल आंदोलन में गुज्जर समर्थन देने पहुंच गए।
इनको मूर्ख बनाने हार्दिक पटेल एक बार दिल्ली भी आया था।
कुल मिलाकर गुजरात के पटेल/पाटीदार समाज से उत्तर भारत के गूजरो का कोई सम्बन्ध ही नही है।
अब जाकर कुछ समझदार गुज्जर बन्धु इस बात को मानने लगे हैं कि सरदार पटेल और पाटीदार का उत्तर भारत के गुज्जर समाज से कोई सम्बन्ध नही है।पर अधिकांश गुज्जर भी इसी झूठ को जी रहे हैं।
वैसे शारीरिक दृष्टि कद काठी नस्ल के हिसाब से देखे तो उत्तर भारत के गुज्जर गुजरात के पटेलों से बेहतर हैं, गोत्र/खाप/भाषा रिवाज इनमे कुछ भी एक दूजे से नही मिलता।
अब कुछ गूजरो ने गुजरात के पशुपालक मालधारी समुदाय रेबारी को गुज्जर घोषित कर दिया है!!!!
पटेल जिस कुणबी जाति के हैं वो भी उत्तर भारत के कुर्मी समाज की तरह एक कुशल कृषक समाज है, लोकतंत्र में संख्याबल दिखाने के लिए गुजरात के कुणबी पाटीदार और उत्तर भारत के कुर्मी खुद को एक ही होना प्रचारित करते हैं पर असल मे इन दोनों के गोत्र/खाप एक दूसरे से बिल्कुल भी नही मिलते।
यही नही मध्य प्रदेश में कुछ जिले तो ऐसे हैं जहां कुर्मी और (कुणबी)पाटीदार दोनो जातियां मिलती हैं और अलग अलग समाज माने जाते हैं इससे इनके एक ही जाति होने का खंडन हो जाता है,
दरअसल नाम और पेशे में कुछ साम्यता होने के अतिरिक्त गुजरात के (कुणबी)पटेल और यूपी एमपी बिहार के कुर्मी में भी कोई सम्बन्ध नही है।
मजे की बात है कि हरियाणा राजस्थान वेस्ट यूपी का गुज्जर सरदार पटेल को गुज्जर प्रचारित करता है और पूर्वी उत्तर प्रदेश बिहार के कुर्मी सरदार पटेल को कुर्मी बताकर उनकी जयंती मनाते हैं और उनकी देखा देखी पटेल टाइटल भी लिखते हैं जबकि सरदार पटेल न तो गुज्जर थे न ही कुर्मी!!
वो महान नेता थे जिन्होंने भारत राष्ट्र का एकीकरण किया था।वो सर्वसमाज के लिए पूजनीय हैं।
जय श्रीराम
इस ब्लॉग पर बहुत ही शानदार जानकारियां है, पर लेखक के नाम साफ नहीं होने के चलते लोगों के मन में लेखों की प्रमाणिकता के बारे में सन्देह हो सकता है, अत: मेरा आग्रह व सुझाव है कि लेखक दबंग राजपूत आदि नामों के बजाय अपने असली नाम, पहचान लिखें ताकि ब्लॉग की विश्वनीयता बढे, साथ ही यहाँ की जानकारी किसी पत्र-पत्रिका में किसी को प्रकाशित करणी हो तो वह लेखक के नाम से प्रकाशित कर सके|
ReplyDeleteरतन सिंह शेखावत
इसमें कोई इतिहासिक तथ्य नहीं है कैसे मान लिया जाए यह सच है। अगर ऐसा है तो इसका उल्लेख करें।
DeleteAre uchh varg wale suru se galat salat bata kar murkh banate aa rahe hain
DeleteInhe gurjar kurmi aur patel ka ek hone ka dar lagta hai
भाई सब गुण कर्म के नुसार और समय के नुसार क्षत्रिय और वैश्य रहै है! कुर्मी ये कोई जाती नही है यह समय के नुसार हमे दि गयी है वैसे मेरा दावा है जिनकी आपस मे परंपरा सम है वो ब्लड टेस्ट करवा ले! जिसको भी कुछ कहना है वो मोबाइल नंबर दे
Deleteसरदार पटेल गुर्जर थे।। इनके माता पिता पंजाब के भाटिया परिवार में जन्मे थे।। जिन लोगो ने हमें विभिन्न जाती ऑर धर्मो में बांटा उनका असर हमारे जयचंद आज भी कर रहे हैं।। जंचनदो के कारण ही मुगल आए।। अंग्रेज भी।। हिंदुस्तान की आज कि इस्थिती के लिए जय चंद ही जिम्मेदार है।। अभी भी हिंदुस्तान। की मुस्किनी ओलादे वो ही बता रही हैं।। अपने इतिहास को अंग्रेज ऑर मुगल केसे डिफाइन कर सकते हैं।। क्या उनसे पहले हिंदुस्तान नहीं था।। राम राम सा।।
Deleteये सब एक ना होजाए इसका कुछ लोगो को डर सताता है
DeleteSahi
DeleteGalat history Kyo bta rha h be rajput history achhe se padh le smjha
DeleteAap sahi hain bhai. Hum patel(patidar), gurjar , maratha kurmi hain and sardar patel patidar the liken hum 3 jatiya kurmi hain is liye patel ya maratha ya gujjar sardar patel ko apna bata sakte hain
Deletekathi kshatriya par post kijiye
ReplyDeleteHa ha ha...Khud caste ke naam par pura blog bana rakha hai or dusro ko seekh de rahe ho ki castesim mat karo...or raajnath singh par jo yaha par blog hai usme unko loh purush kaha gya hai...rajnath singh is good but let Saradar Ballabh Bhai be Iron Man for general knowledge purpose...or khud tum logo ne Shri Ram tak ko hadap rakha hai..Ram was Ram not Ram singh...or ram thakur..So agr Kurmi kunbi patidar gujjar Sardar patel ko apna batate hain to mirchi nahi lagni chahiye...Atleast they are trying to unite under a comman umbrella..as far as name Dabang rajput is concerned..Plz show ur dabangai to all those muslim rulers who kept rajput princess in therir harem..(I know abb aap log dher sari gali doge mujhe...but if u want to proove ur point proove it via facts...warna bhok to kutte bhi sakte hain) bwahahaha
ReplyDeleteBhai Harem me nahi rakhte the, Vo Maharani bana k shadi karte the. Jahangir ki maa bhi Rajputani thi, Shahjahan jisane Tajmahal banaya uski Maa aur Dadi dono Rajputani thi.
DeleteTum log sirf Rajputo se jalate ho isliye baar baar ye baat bolate ho.
Akbar ka senapati kaun Tha Maan Singh. Chittorgarh k ladai k baad usane Rajputo ki murtiyan banwari Agara Fort k samane. Unke samman me. Mugalon aur Rajputon k bich Rishte daari thi. Jinhone ne apni betiyan di mugalon k Harem me vo dekh lo, aaj dilli k aas pass k ilako me sabse jyada unki abadi hai. Ladkiyon k badle zameen li unhone. To jalan chodo dimag lagao
Sahi baat hai bhokh to kutte bhi sakte hai jaise tu bhok raha hai...Apne comment ke last me ....Rahi baat haram ki to tumhari aurate bhi rajputo ke haram me rahti thi ....Aur na to akbar nama aur na hi tujuk e jahangiri me jodha bai aur anya rani ka ullekh hai...Samajh me aayi baat..Rajput ladte to संधि करने के बाद भी थे वो भी दूर दूर तक के मोर्चो पर।।it means लड़ाई से तो डरते ही नही थे।।।और राजपूतो ने संधिया डरकर नही बल्कि अपनी प्रजा और राज्य की रक्षा के लिए की थी।।लेकिन राजपूतो का दुर्भाग्य है कि जिस प्रजा की रक्षा के लिए राजपुत राजाओ ने सर्वस्व बलिदान कर दिया उस प्रजा में कही लोग तुम्हारे जैसे भी है जो उन राजाओ पर इल्जाम लगाते है।।।कोई मुस्लिम लगाए तो समझ मे आता है।।जिनकी वजह से आज हिंदुत्व बचा हुआ है उन पर ही आरोप लगाये रहे है।।।।नुगरे लोग
DeleteJaa pahle authemtic itihas padh kr aa..tv or movie dekhkr apne gyan ka pradarshan mt kr..fr baat krna..bina bat ke yha tere bhokne s koi fark ni pdta..
DeletePata nahi caste se kya ho but post se to gujjar ya muslim lagte ho jo bhi ho but mirchi to lagti hai pichhwade me Rajput ke naam se. Haan to Rajput princess muslims ke haram me teri ma ne dekhi thi na jo tu man gaya kyu randuwe tujhe ye dikh gaya tujhe ye nahi dikha ki Bajirao me mastani jo thi wo Rajput Raja jo ki ek muslim Rani se janmi thi wo teri mausi thi jo nahi bataya tune kyu beta l, aur sikandar ka doot jo wo bharat chod gaya tha kathi kshatriyo ke pele jane ke dar se sikandar to wapas bhag gaya but apna doot seleucus uski beti Kshatriya Raja ke haram ke vyahi gai wo tujhe nahi dikha... Aur haan sahi kaha gali to Thakur bakenge hi kyu tu hai hi isi layak... Chutiya .....
DeleteKurmi is great because they did flatter Muslims nd the English like Rajputs jai sardar Patel.
Deletekurmi bihar ka hai kya aacha ye bata bihar sai tere kurmi mausa lare thai kya hmare mahan BABU VER KUWAR SINGH lare thai aur angrezo ko haar baar haraya tha aur itne shahasi ki goli lagne par haat kat kai ganganadi mai daan kr diya . wo toh aazadi kai baad tum log urr rhai ho apne aap ko shanti priya lekin waqt aan par dumdar jati bata rhai ho asal mai tmhari koi aukaat nhi hai agar rajput ka itihas ita hi kharab lagta hai toh phir rajput ka title singh kyu use krtai ho . wo toh manao ki bihar ki rajput bahut jyada hi bate hai nhi toh tum toh kya abhi yadav ko pitatai jaise 1990 mai ranveer sena per day yadav kurmi aur naxals ko katati thi.
Delete👍
DeleteHaha statue of unity k liye jo committee bni thi uski book pdna tu phle or 2019 me sardar patel ki jayanti pr jb modi gya tha to vo song sunnna kya lyrics thi usmi, or fir b doubt ho to sardar patel k ghar gyi thi gurjar culture team 3-4 saal phle vha unke padosi or knwns the sab vo khud bta rhe the ki gurjar the sardar patel, patel ek kisan title tha gujrat ka jaise chaudhary north india me hai, sare patel gurjar nhi ho skte bt hn sardar patel the, chahe to unke ghr jake dekh lo, or hn gurjaro k ane se phle gujrat ka naam saurasthra tha, thoda history pdha kro phle ye blog baad m likha kro, tumne ek bhi authentic proof nhi diya tu bs gurjaro se jalta h, gurjaro ne apni betiya heram m nhi bejhi tumhri trh isliye, or rhi baat km munshi ki to unhone to rajputo ki utpati gurjaro se hue h is sidhant ko bhi strong mana hai
DeleteVery Good bro
DeleteRight 100%
DeleteMoj krdi chore
Deleteसरदार वल्लभ भाई पटेल गुर्जर जाति से ही आते थे हमें मत सिखाओ 🤣
Deleteअाज के समय में आप जैसे लोग ही समाज में फूट डालते हैं, आज अनुच्छेद 334 न खत्म होने मे आपके जैसे लोगों का पूरा योगदान है , आप जैसे लोग जब कभी कहीं चुनाव होता है तो वोटरो को गुमराह करके अपना उल्लू सीधा करते हैं, यह बहुत ही अफसोस जनक है कि आप जैसे लोगों की वजह से हमारा देश अभी भी जात-पात मे पडकर उन्नति नहीं कर पा रहा है ।
ReplyDeletePahele aap phir say itihas pad kr aao
ReplyDeleteभ्रामक जानकारी
ReplyDeleteफैला रहा है ये लेखक
1000 bc se pehle rajputs ka ithihas btao kha hai
ReplyDeleteparini Granth padh lo pta chal jayega ya charkya ka padh lo
Deleteयह जो अपनी असलियत नहि बता पा रहा है, और छीपके से वार करने वाला यह आदमी हिंदु धर्म मे फुट डालने वाला जरुर कोइ बहुरुपिया होगा.
ReplyDeleteSahi kaha aapne
Deleteकबीलाई जाति (Tribal caste) वो जातिया हैं, जो मूल रूप से कबीले हैं, किन्तु भारतीय समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के प्रभाव में एक जाति बन गए, जैसे- जाट, गूजर, अहीर, मेव आदि| इन जातियों को हरबर्ट रिजले ने 1901 की भारतीय जनगणना में कबीलाई जाति (Tribal caste) कहा हैं|
ReplyDeleteजाति (Caste) एक अंतर्विवाही समूह के साथ-साथ एक प्रस्थिति (Status group) और एक व्यवसायी समूह भी हैं| किसी भी अंतर्विवाही समूह का एक पैत्रक व्यवसाय होना, जाति की खास विशेषता हैं| जैसे ब्राह्मण, बनिया, लोहार, कुम्हार, धुना, जुलाहा, तेली आदि जातियों का अपना एक पैत्रक व्यवसाय हैं|
एक ही भाषा क्षेत्र में ऐसी कई जातिया पाई जाती हैं जिनका एक ही व्यवसाय होता हैं| ऐसी जातियों के समूह को जाति पुंज (Caste cluster) कहते हैं| सामान्यतः एक सी प्रस्थिति और एक ही व्यवसाय में लगी जातियों के समूह को अक्सर एक ही नाम दे दिया जाता हैं जो अक्सर उनके व्यवसाय का नाम होता हैं| जैसे- उत्तर भारत में खाती, धीमान और जांगिड सभी बढ़ईगिरि का व्यवसाय करते हैं और सभी बढ़ई कहलाते हैं| जबकि वास्तविकता में वे अभी अलग- अलग अंतर्विवाही जातिया हैं| इसी प्रकार उत्तराखंड में सैनी नामक जाति पुंज में गोला और भगीरथी दो जातिया हैं| उत्तर प्रदेश में बनिया जाति पुंज में अग्रवाल, रस्तोगी और गिन्दोडिया आदि जातिया हैं| एक व्यवसाय से जुडी भिन्न जातियों का एक साँझा नाम उनके एक से व्यवसाय और क्षेत्रीय जाति सोपान क्रम में उनके एक से स्थान (Status) का धोतक हैं| एक जाति पुंज के अंतर्गत आनेवाली इन जातियों की भिन्न-भिन्न उत्पत्ति हैं तथा इनमे अधिकांश के किसी क्षेत्र में आबाद होने के काल भी भिन्न-भिन्न हैं|
कन्बी शब्द की उत्पत्ति कुटुम्बिन शब्द से हुई हैं| कुटुम्बिन शब्द का प्रयोग पूर्व मध्यकालीन गुजरात में भूमि दान सम्बन्धी ताम्पत्रो एवं लेखो-जोखो में किसान के लिए किया गया हैं| कुटुम्बिन/कुटुम्बी का अर्थ हैं किसान परिवार का मुखिया| पूर्व मध्यकालीन भूमि दान सम्बन्धी ताम्पत्रो एवं लेखो-जोखो में किसानो/कुटुम्बिनो की संख्या उनके नाम तथा उनके द्वारा जोती जानेवाली भूमि की माप अंकित की जाती थी|
कन्बी, कुनबी अथवा कुर्मी भी एक जाति नहीं एक बल्कि जाति पुंज हैं| कन्बी, कुनबी और कुर्मी, किसान जाति पुंज के क्षेत्रीय नाम हैं, जिसको हिन्दी में कुरमी, गुजराती में कन्बी तथा मराठी में कुनबी कहा जाता हैं| प्रोफेसर जे.एफ.हेविट- कुरमी (Kurmis) कुरमबस (Kurambas), कुदमबस(Kudambas), कुदम्बीस(Kudambis) भारत की सिंचित कृषि करने वाली महान जातियां थी|
वस्तुतः गुजराती भाषा क्षेत्र (गुजरात) में खेतीहर जातियों के वर्ग समूह को कन्बी कहते हैं| वस्तुतः इसमें लेवा, कड़वा, अन्जने, मतिया आदि पृथक जातिया हैं| कन्बी जाति पुंज के अंतर्गत आनेवाली इन जातियों की भिन्न-भिन्न उत्पत्ति हैं तथा इनमे अधिकांश के गुजरात में आबाद होने के काल भी भिन्न-भिन्न हैं| जिनमे लेवा और कड़वा गूजर जनजाति का हिस्सा हैं| हालाकि सामान्य रूप से इन्हें वहाँ गूजर नहीं कहा जाता| किन्तु इनके बुजुर्गो और भाटो का मानना हैं कि ये पंजाब से आये हुए गूजर हैं| जबकि अन्जने, मतिया आदि कन्बी जातियो की भिन्न उत्पत्ति हैं|
मराठी भाषा क्षेत्र (महाराष्ट्र) में खेतीहर जातियों के वर्ग को कुनबी कहते हैं| यहाँ के कुनबी नामक जाति पुंज में तिरोले, माना, गूजर आदि जातिया हैं| मराठी समाज में इन्हें तिरोले कुनबी, माना कुनबी, गूजर कुनबी कहा जाता हैं| मराठी में समाज लेवा और कड़वा दोनों जातियों को गूजर कहा जाता हैं| इनके गुजराती लेवा और कड़वाओ से परंपरागत रूप से विवाह भी होते हैं| अतः गुजराती भाषा क्षेत्र (गुजरात) के लेवा, कड़वा और मराठी भाषा क्षेत्र (महाराष्ट्र) के लेवा, कड़वा गूजर एक ही हैं| जबकि मराठी भाषा क्षेत्र (महाराष्ट्र) तिरोले और माना कुनबी भिन्न उत्पत्ति की पृथक जाति हैं| दक्षिण भारत के मराठी समाज में यह आम धारणा हैं कि लेवा और कड़वा सहित सभी गूजर कुनबी उत्तर से आये हैं| जबकि तिरोले और माना स्थानीय उत्पत्ति के माने जाते हैं|
हिंदी भाषी मध्य प्रदेश के इन्दोर संभाग में भी लेवा गूजर मिलते हैं| होशंगाबाद में इन्हें मून्डले या रेवे गूजर कहते हैं| खानदेश गजेटियर के अनुसार रेवा गूजर और गुजरात के लेवा गूजर एक ही हैं| मध्य प्रदेश के लेवा गूजर कन्बी या कुनबी भी नहीं कहे जाते| मध्य प्रदेश के लेवा गूजर, महाराष्ट्र के लेवा और कड़वा गूजर कुनबी तथा गुजरात के लेवा कड़वा एक ही हैं क्योकि इनमे परंपरागत रूप से शादी ब्याह भी होते हैं| गुजरात का लेवा गुजरात के अन्जने, मतिया आदि कन्बी जातियो या पूरे भारत की किसी भी अन्य कुनबी या कुर्मी जाति में शादी-ब्याह नहीं करते बल्कि मराठी लेवा कड़वा गूजर कुनबियो और मध्य प्रदेश के लेवा गूजरों से इनके
Yemhashay gurjar or rajputo ke bich drar bna rha hai
ReplyDeleteYe log hi hai jo hindutv ke tukde karne par tule hai
Abhi smjg aagya tum Bhut bade wale chutiya ho...jao ja ke muh dho lo adha Gyan Vish ke saman hota Hai..
ReplyDeleteKhali rajput hota to like dete ho nhi hota Hai to sirf mahan hi kh dete ho..
Pure Bharat me rajput ek he bra man ek he Kashmir se kanyakumari talk to Gujjar air patel krumis ek nahi ho satate
ReplyDeleteTu chup bosdke sb only kurmi bs gujjar ko hum kuchh mante samjhe bosdke
DeleteMai bs in a janta hu sabhi Kishan patel hai phir vo chahe kurmi ho gurjar ho ya kunbi ho ya kapu ho sabhi Kishan patel hai agar kissi ne apni jati ko siva patelo ko kisi ne ye kaha ki gurjar kurmi ek nhi h to Batao bhai kaon since jati ek hai
ReplyDeletehttp://janitihas.blogspot.in/2015/09/blog-post.html?m=1
ReplyDeleteNhi ye glt hai kurmi vala sach adha hai 2 tarah k patel hai jinme leva patidar raja ram k bete luv k vnshj hone ka dava karte he jaha tak rahi baat unki poti unko khud bhi ita ni malum sardar vallabh bhai patel k jammu kashmir k yatra mai unhone khud bakrawal Gurjar se unko bhai hona swikar kiya hai ki unke purvaj kabhi ek the juthe nahi kera hu 100% sach hai ye kisi record vale aadmi aa unhi se puchna jo unke sath gaye the kyuki baki sb ko ye baat nhi batai gai or kurmi vale point me bohot pehle sardar vallabh bhai patel k community ka mohalla hai vo apane aap ko Gurjar hi kehta tha sivae kuch k aage jate jate ye naam gum ho gya..
ReplyDeleteसरदार पटेल only कुर्मी थे
ReplyDeleteVo only Patidar he leuva or kadva PATIDAR ka kurmi se ghanta koi sabandh nahi khoti afva mat felavo chutiye
DeleteGurjjar jati se nikali he kurmi jati samja
DeleteYes sardar only kurmi
DeleteOr ek batt or kshatKsha koi particular caste nhi h jo shirf Rajput o k sath lagta h ye ek dharm h jo ki kings soldiers warriors ...etc related to fight they were kshtrKsha ..but tum paglo ko na hum smja sakta h na hi koi or tum tumhara pagl pn jarii rakho or logoo ko hasna ka mokaa deta raho...tumhari sakloo pe pasiii ati h ree angrezooo k gulamoo
ReplyDeleteGujjar kurmi Patidar ek hi samaj h
ReplyDeleteJay sardar Patel ki
Jay shree devnarayan bagwan ki
Ka bakavas kar raha he ham only PATIDAR he kurmi gurjar hamare per ki juti he
DeleteHy
Deleteगलत जानकारी दे रहे हैं लेखक थोडा इतिहास के बारे में जानकर पढकर लिखे
ReplyDeletemaglo k chatukar aaj hame itihas padane chale h gurjar desh m gurjar raja nahi the to use gurjar desh kyo kaha gaya
ReplyDeleteRajputo ke andar kheto me kaam karne vale shudra ab bakchodi karne lage hai
Deleteयह गलत प्रचार करने वाला व्यक्ति है सभी गुर्जर पटेल का वीर्य एक ही है
ReplyDeleteYes
DeleteAp sahi Kah raho ho bhai
ReplyDeleteI THINK SARDAR PATEL K FORFATHERS MAHAN RAJA HOGE NO UNKO AISA SUJA.
ReplyDeleteपटेल} गुर्जर.है} के अम मुंशी}
ReplyDeleteJust for your information- in Bihar, there are two types of kurmis 1. Ghamaila 2. Awadhiya.
ReplyDeleteGhamailas are primarily in Magadh region patna nalanda gaya etc
Awadhiyas are in bhojpuri region.
Appearance wise there are distinctly different
Ghamailas are dark skinned Awadhiyas are quite fair and have Aryan appearance . They claim descent from Ram's son Lav. Socially they are/were at par with general castes. They are lesser in population too. They claim Patel beling to their caste.
However, Ghamailas are now in leading position politically economically educationally Ghamailas were shudra of local origin, during maurya period they were given land for cultivation on insistence of chanakya to prevent social upheavals. They were known as 'shudra kisan'. It's different story now all of these folks trying to get Patel into their fold, however patel of gujarat is at least don't have anything common with Ghamaila Kurmi.
Cm Nitish is Ghamaila
Bhai nithish awadhiya h harnaut ka
DeleteYadi gujrat gurjar pradesh hai aur patel gurjar hote to gurjar hi likhate fir patel kyon likhate
ReplyDeleteसरदार पटेल सिर्फ लेवा कुर्मी caste थे , किसी जाति को तोरने की कोसिस मत करो
ReplyDeleteसरदार पटेल -कुर्मी /कन्वी
वीर शिवाजी -कुर्मी /कुनवी
वीर शम्भाजी -कुर्मी /कुनवी
वीर शाहू जी -कुर्मी /कुनवी
वीर जीवा जी राव सिंधिया -कुर्मी /कुनवी
वीर राजाराम -कुर्मी /कुनवी
वीरचंद पटेल -कुर्मी /महतो
सिधेस्वर प्रसाद -कुर्मी /महतो
नितीश कुमार -कुर्मी /महतो
कया कया कया
Deleteमित्र माननीय नितीश कुमार (मुख्यमंत्री बिहार) महतो कुर्मी नहीं बल्कि अवधिया कूर्मि क्षत्रिय हैं।
Deleteबिहार के सीएम श्री नितीश कुमार क्षत्रिय अवधिया हैं।
DeleteOk sahi bola aapne kurmi Patel or Patidar Patel or ek hi jaati hai
DeleteMe gujratka patel hu,aur patel ka kurmi aur gujjar se koi lenadena nahi. Tino alag jaati hai
ReplyDeleteDNA chek kra tera madar chod patel koy cast nhi he hm gurjar he tere jesa chutiya kitne he gujrat me
Deleteसरदार वल्लभ भाई पटेल 100 प्रतिशत कूर्मि क्षत्रिय (पाटीदार) थे। जाकर गुजरात में पता कर लो,सरदार पटेल के बड़े भाई श्री विट्ठल भाई पटेल "अखिल भारतीय कूर्मि क्षत्रिय महासभा " के अध्यक्ष रहे है, अब और क्या प्रमाण चाहिए कि वे पाटीदार कूर्मि क्षत्रिय थे ।
ReplyDeleteसरदार वल्लभभाई पटेल 100% कुर्मी क्षत्रिय थे,कुर्मी/कुनबी या कनबी(पाटीदार) ,मराठा एक हीं होते हैं। आपस में शादी विवाह सब होतें है।
ReplyDeleteTo sahi Kay hai Bhai Ji aap hi batao na
ReplyDeleteAcha chutiya bnata he sbko kuch bhi bolke
ReplyDeleteSardar patel gurjar jati ke he sab mante he jayanti reliya nikalte he itihas btata he or tum apni bnai kahani suna rhe ho
चोधरी पटेल पाटिल कोई जाति नही पदवी हैं
ReplyDeleteसरदार पटेल का गोत्र डुडी है जो न गुज्जर में है न कुर्मी में, उसके परिवार से जाकर पता किजिए ।२०११ में उसके पौत्र ने सार्वजनिक मंच पर भी भाषण में कहा था ।
तुम्हे कौन कह रहा है कि जाति है बोलके भाई।तू डूडी को बीच में कहां से ले आया भाई और तू गुर्जर कुर्मी को आपस में लड़ाने वाला काम मत कर हम एक है और एक ही खून के है हालाकि हममें rista नहीं होता और हम भले ही अलग अलग जाति में रूप में जाने जाते हैं मगर खून एक ही है जिस प्रकार पाटीदार एक उपजाति है,मराठा एक उपजाति है,अवधिया एक उपजाति है,राजवाड़े(राघव)एक उपजाति है उसी प्रकार गुर्जर भी एक उपजाति है कुर्मी क्षत्रिय समाज का जो कि चंद्रवंशी क्षत्रिय कुल में पैदा हुए हैं।छत्रपति शिवाजी महाराज का पिताजी राघव कुर्मी थे जो सूर्यवंशी राजा राम के पुत्र लव के वंशज थे तो वहीं उनके माताजी यदुवंशी(चंद्रवंशी)कुर्मी कुल से थी
DeleteYes
DeletePehli bat to gujarat ke patel ka north india ke patels se koi lena dena nahi hai ye sirf reservations ke liye ek hiye hai .
DeleteGujarat ke patelo me 3 samiday hai .
Kanbi Koli Dhodia
Kanbi samuday me Sardar patel ji ka janm hua tha .
Wo Leuva kanbi the .
Kanbi me wsie to 3 samiday hai lekin aj sirf 2 hi mane jate hai .
1. Kadva
2. Leuva
Tisre samuday Anjana hai jo aj khudko jaat batata hai .wo obc me hai .
Kadva aur leuva dono Punjab se huye hai migrate.
Solanki raja one unko kheti karne ke kiye bulaya tha .
Kaadva kastriya hai aur leuva bhi kastriya hai .
Pata nahi gujjar khudko kyu Patel bata raha hai .
Chatrapati Shivaji maharaj ke senapti jinki surname bhi Gujjar thi lekin wo muje gujjar nahi lagtr kyonki Maharastra ke karhade bharman samuday me gujjar surname hai . Rani laxmibai air Jnasi ke dyansty karahde bahrmins samuday ki thi .
Kurmi yani kheti karne wala ye koi bhi jati nahi hoti hai .
Gujarat ke open wale PATELO ke real hati kadva aur leuva hai .
Haa bhai bilkul gurjar the wo
DeleteChhatri aur Brahman se paida hue Santan ko bhumihar kahte Hain
ReplyDeleteDivide and rule, good neeti bewkoof kahi ka,
ReplyDeleteThik isi tarah thakur, kshatriya, rajput alag alag hote hai,inka dur dur tak koi nasl khan paan bhasa, nhi mail khata inka yo gotra bhi alag alag hai inhe pehle chowkidari k liye rakha gaya tha jaise aaj kal log guard rakhte hai, yahi kehna chahte ho n rajput bhia sahab,
Yaar duniya sudhar gayi , ab kab sudhroge?
Sudhar jaa bhai tu fir desh gulam karayega kya?
Apni Samaj Ko samriddh banaaiye Khiladi Hai Kyunki Gurjar bhi Rajput hain aur Rajput Rajput hi hi isiliye aap yah Bhavna Kariye Na balki Ek bechare ki Bhavna Le Dil Mein Shanti rakhen
ReplyDeleteGurjar hai ji
ReplyDeleteGurjar Samaj Ke Log Gay Bhains Bakri
ReplyDeleteBhed Churane Ka Kam Karte The Aur
Dusron Ka Itihaas History Ko Chura
Rahe Hai
Sardar Vallabhbhai Patel Kurmi samaj
Se The
Puri history toh padhle pehle usse pehle kya karte the aur kyu gaye bhains charaane lage the ya bas bhonkna aata hai kuch bhi... Pehke jaankari lele ki sabse pehle gurjaro ne he bacha kr rkaha india ko saale ye rajput naam ka shbd nhi tha uswqt
DeletePatel patidar kurmi sab ek hi hai hum lewa gurjar hai hamari bhat ki pothi gujarat se shuru hoti hai hamare dadaji maharashtra nahi aye hote to mai aaj gujrat me patidar likhta hamari gujarat me hajaro rishtedari hai meri sister gurjrat me lewa patel ke yaha shadi ki hai aur koi patel likhe ya patidar likhe akhir gurjar hi hai
ReplyDeleteBhat ki pothi ke anusar aapke purvaj gujarat ke kis hisse se aaye the?
Deleteसरदार पटेल सिर्फ और सिर्फ कुर्मी थे बस.
ReplyDeletePata nahi kyu rajput khud ko sabse upar kyu samajhte hain jabki unse pehle pure bharat par gurjaro ka raaj tha ye rajput naam ka shabd tak nahi tha ye baad mai 12v sadi ke baad start hua aur jo aaj gujrat aur rajasthan hai wo pura gurjaro ka basaya hua hai wnha ke shilalekho mai aur kitaabo mai srf gurjar shabd dekhne ko milta hai rajputo ka naam toh baad mai shuru hua hai colonel james tod ki book mai unhone ne rajputo ke naam ko kharij krte huye likha hai ki unhone rajputana kahe jane wali is dharti pr srf gurjaro ke shero ke samam dhadte huye dekha hai.. .Lekin chlo bhai waqt waqt ki baat hai gurjaro ko toh angrezo ne gunda bna diya tha kyonki meerut ki kraanti jo ki dhansingh kotwal ne shru ki thi unka aisa krna shyd kuch logo ko pasand nahi aaya ki ye dubara ubhar paaye aur saare haq adhikar cheen liye gye gurjaro ke gurjar regiment toh chhodo kuch bhi krne ki azadi nhi thi gharo se nikalte he unko pakad kr faasi de di jaati thi srf isliye kuki unhone desh ko azaad krne ki pehel ki thi.
ReplyDeleteShiv shiv om om nmo
ReplyDeleteTeri soch hi muglo vali h to tu patel ko gujjar kaise bta dega khaajput jo h tu
ReplyDeleteRajput,Patel,gurjar Sab ek hi hai Samay anusar badlte rahte h jaise angrej kaal me kai jatiyon pe atyachar hone se cast ka naam hi badlna pda.
ReplyDeleteYe सब झूठ बोल रहा है तू इतना ज्ञानी है जो हम तेरी बात माने। पागल मत बना जनता को साले इतिहासकार बं रहा है तू इतना
ReplyDeleteसरदार वल्लभभाई पटेल (पाटीदार) जाति से है
ReplyDeletehttps://shodhganga.inflibnet.ac.in/handle/10603/169025
ReplyDeleteLo rajputo apni ma chudwao
सरदार पटेल हूंण थे पिछले इतिहास में झांको बस
ReplyDeleteलड़ो मत पगली हिन्दूओं
राम राम सा 🙏🙏
राजपुत भाई से एक सवाल यदि गुर्जर स्थान सूचक है तो राजपूताना भी इस्थान सूचक है व्हा की रहने वाले सभी राजपूत हुए? और यदि गुर्जर स्थान सूचक है तो गुर्जर आया कहा से।। किसने गुजरात बसाया? अपनी हरकतों से बाज आओ।। जमाना हस रहा है तुम पर।। सूर्य को दीपक नहीं दिखाते।। गुर्जर वैदिक क्षत्रिय है।। व्ही माहिर भोज से लेकर प्रथ्वी राज तक ।। गायत्री अर्जुन भीम राधा रानी राम कृष्ण देव नारायण सभी इसी कुल में पैदा हुए।। और हा अंग्रेजो की चाल अब काम नही आने वाली फूट डालो राज करो।। गुर्जर एक ह जम्मू कश्मीर से कन्याकुमारी तक।। फिर चाय लेवा, कड़वा,( गुजरात) लोर ,खारी ( राजस्थान) कुर्मी रेड्डी, महता, पाटीदार पटेल चौधरी, सिक्ख, जैन।। जाट यादव गुर्जर मीना सब भाई ह।। और तुम में में करना बंद करो।। हकीकत को स्वीकार करो।। तुम इतिहास की बात न करो फिर खो जाओगे जिनको बाप बना लिया वो ही रहो।। और हम वो ही है जिनको तुमने बाप बनाया है।। जय श्री राम।। जय माधव।। हर हर महादेव।।
ReplyDeleteसरदार पटेल का गोत्र डूडी था उसके पुत्र ने इसकी पुष्टि कि है।
ReplyDeleteअब यह गोत्र, गुज्जर मे है या कुर्मी मे ये आप ढूंढ लीजिय
"Ye pashupalak gujjar samuday" kya h ,baar baar ye kahkar kya siddh Karna chahte ho,pracheen aryao ka mukhya kary pashupalan aur kisani hi tha,tum ko etna nhi pata aur bade bhartiy bante ho, bharat ke paas upjau jameen thi muglo ke desh ki tarh banjar bhumi nhi thi bharat ki jo yaha pashupalan aur kisani na ki ja sake,
ReplyDeleteगुर्जर वंश के शिलालेख)????
ReplyDeleteनीलकुण्ड, राधनपुर, देवली तथा करडाह शिलालेख में प्रतिहारों को गुर्जर कहा गया है ।राजजर शिलालेख” में वर्णित “गुर्जारा प्रतिहारवन” वाक्यांश से। यह ज्ञात है कि प्रतिहार गुर्जरा वंश से संबंधित थे।
ब्रोच ताम्रपत्र 978 ई० गुर्जर कबीला(जाति)
का सप्त सेंधव अभिलेख हैं
पाल वंशी,राष्ट्रकूट या अरब यात्रियों के रिकॉर्ड ने प्रतिहार शब्द इस्तेमाल नहीं किया बल्कि गुर्जरेश्वर ,गुर्जरराज,आदि गुरजरों परिवारों की पहचान करते हैं।
बादामी के चालुक्य नरेश पुलकेशियन द्वितीय के एहोल अभिलेख में गुर्जर जाति का उल्लेख आभिलेखिक रूप से हुआ है।
राजोरगढ़ (अलवर जिला) के मथनदेव के अभिलेख (959 ईस्वी ) में स्पष्ट किया गया है की प्रतिहार वंशी गुर्जर जाती के लोग थे
नागबट्टा के चाचा दड्डा प्रथम को शिलालेख में “गुर्जरा-नृपाती-वाम्सा” कहा जाता है, यह साबित करता है कि नागभट्ट एक गुर्जरा था, क्योंकि वाम्सा स्पष्ट रूप से परिवार का तात्पर्य है।
महिपाला,विशाल साम्राज्य पर शासन कर रहा था, को पंप द्वारा “गुर्जरा राजा” कहा जाता है। एक सम्राट को केवल एक छोटे से क्षेत्र के राजा क्यों कहा जाना चाहिए, यह अधिक समझ में आता है कि इस शब्द ने अपने परिवार को दर्शाया।
भडोच के गुर्जरों के विषय दक्षिणी गुजरात से प्राप्त नौ तत्कालीन ताम्रपत्रो में उन्होंने खुद को गुर्जर नृपति वंश का होना बताया
प्राचीन भारत के की प्रख्यात पुस्तक ब्रह्मस्फुत सिद्धांत के अनुसार 628 ई. में श्री चप
(चपराना/चावडा) वंश का व्याघ्रमुख नामक गुर्जर राजा भीनमाल में शासन कर रहा था
9वीं शताब्दी में परमार जगददेव के जैनद शिलालेख में कहा है कि गुर्जरा योद्धाओं की पत्नियों ने अपनी सैन्य जीत के
परिणामस्वरूप अर्बुडा की गुफाओं में आँसू बहाए।
। मार्कंदई पुराण,स्कंध पुराण में पंच द्रविडो में गुर्जरो जनजाति का उल्लेख है।
अरबी लेखक अलबरूनी ने लिखा है कि खलीफा हासम के सेनापति ने अनेक प्रदेशों की विजय कर ली थी परंतु वे उज्जैन के गुर्जरों पर विजय प्राप्त नहीं कर सका
सुलेमान नामक अरब यात्री ने गुर्जरों के बारे में साफ-साफ लिखा है कि गुर्जर इस्लाम के सबसे बड़े शत्रु है
जोधपुर अभिलेख में लिखा हुआ है कि दक्षिणी राजस्थान का चाहमान वंश गुर्जरों के अधीन था
कहला अभिलेख में लिखा हुआ है की कलचुरी वंश गुर्जरों के अधीन था
चाटसू अभिलेख में लिखा हुआ है की गूहिल वंश जोकि महाराणा प्रताप का मूल वंस है वह गुर्जरों के अधीन था
पिहोवा अभिलेख में लिखा हुआ है कि हरियाणा का शासन गुर्जरों के अधीन था
खुमाण रासो के अनुसार राजा खुमाण गुर्जरों के अधीन था
भिलमलक्काचार्यका ब्रह्मा स्फूट सिद्धांत
उद्योतनसुरी की कुवलयमाला कश्मीरी कवि कल्हण की राजतरंगिणी
प्रबन्ध कोष ग्रन्थ व खुमान रासो ग्रंथ के अनुसार गुर्जरों ने मुसलमानों को हराया और खुमान रासो
राम गया अभिलेख
बकुला अभिलेख
दौलतपुर अभिलेख
गुनेरिया अभिलेख
इटखोरी अभिलेख
पहाड़पुर अभिलेख
घटियाला अभिलेख
हड्डल अभिलेख
रखेत्र अभिलेख
राधनपुर और वनी डिंडोरी अभिलेख
राजशेखर का कर्पूर मंजरी ग्रंथ, काव्यमीमांसा ग्रंथ ,विध्दशालभंजिका ग्रंथ
कवि पंपा ,
जैन आचार्य जिनसेन की हरिवंश पुराण आदि के द्वारा दिया गया
Ha. Pan aapki baat sahi he or aap ki baat me Patel cast ke prati jo greena he vah spat dikhai deti he. Jai sri ram
ReplyDeleteयह लेखक जो भी है। उन्हें इतिहास की उचित जानकारी प्राप्त नहीं है अर्थात् केवल अपनी विचार धारा को प्रकट की है , इतिहास में जो भी था उनका सबका कहीं न कही साक्ष्य हैं, किन्तु बिन साक्ष्य का इतिहास एक विचारधारा ही हो सकती है। केवल सामाजिक मतभेद के कारण गलत इतिहास देना या बताना कोई इतिहास कारिता को प्रस्तुत नहीं कर सकता। मनगढ़न कहानी बनाने से अच्छा है, स्वयं उस पर अमल करें जो सत्य है।
ReplyDeleteGujrat ka kurmi / bihar ka kurmi Maharashtra ka kurmi ya/ uttar pradesh ka kurmi ye sab ek hi hai name ke aage tittle kuch vi ho Patel ho ya patidar ho ya choudhary ho ya sab kurmi hi hote hai .............
ReplyDeleteJese sisodiya bolo chuhan. Bolo parmar bolo jis tarah y sab rajpoot hote hai vse hi kurmi kurmi hota hai
I am Patel from gujrat and mene bohat articles n story chek ki hai kurmi se jyada gurjar samaj se similarity hmari jyda hai bodu structure skin colour ye sab kurmi se jyda gurjar ke sath match krta hai
ReplyDeleteYes right
DeleteHardik Patel ne khud kaha ham gurjar samudaye se ate Hai.. fir
ReplyDeleteMe ek patidar hu or sardar ji bhi isse jyada kuchh bhi nahi or Gujarat me to ye koi issue hi nahi hai par wese hum kisi ki jaban to nahi rok sakte kuch bhi bolne se because India me right to freedom of speech and expression hai or ultimately na hum tathakathit gurjar hai or na hi koi Maa Ganga ke besin me basne wale kurmi hum sirf or sirf Patidar hai ye galat fahmi dur karlo or ye sirf hawa hawai bate hai or isse jyada kuchh bhi nahi or Gujarat me to sardar Patel saab ko Patidar (kadva or leuva patel) ke alawa kisi or caste nam se jaante bhi nahi ye sirf bekar me hamse Gulne Milne or judne ki 100% Asafal kosish ke alawa kuch nahi ye sirf Uttar Bharat ka bhadkaya huaa issue hai jiska Brand patidar se koi talukat nahi dhanyawad mittron 🙏🙏
ReplyDeleteGurjar. hi the.
ReplyDeleteSardar Patel Gurjar samaj sai hai
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