Sunday, October 18, 2015

HISTORY CHEATERS_ FAKE KSHATRIYAS OF INDEPENDANT INDIA






मित्रों जब आरक्षण का कटोरा हाथ में होता है तब तो वर्णसंकर जातियां चाण्डाल और न जाने क्या क्या बताते है अपने पूर्वजों को और जब वंश वर्ण और कुल की बात आती है तो ये जातियां समस्त आदर्श क्षत्रियों को अपना पूर्वज बताने लगते हैं।

अहीर पिछले सिर्फ 90-100 साल से जबरदस्ती चन्द्रवंशी वासुदेव श्री कृष्ण को अपना पूर्वज कहकर यादव लिखने लगे,ग्वाल,गोप,अहीर,अहर,कमरिया,घोसी ,जैसी कई अलग अलग जातियों ने मिलकर सन 1915 के आसपास खुद को अचानक से यादव घोषित कर दिया जबकि यादव राजपूतों का एक कुल है जिसके करौली के जादौन, जाधव ,जैसलमेर के भाटी ,गुजरात के जाडेजा और चुडासमा छोकर राजपूत असली वंशज है ।

कुर्मी कोयरी काछी माली कुनबी पिछले 50 साल से ही अपने को सूर्यवंशी श्री राम पुत्र कुश के वंशज घोषित करते है जबकि कछवाह ,राघव ,सिकरवार,बडगुजर,पुंडीर आदि राजपूत कुल उनके असली वंशज है । 

अनेको दलित और यूपी के मुराव मुराई जाति के लोग 40 साल से मौर्य वंश के टाइटल यूज़ करने लगे है जबकि मौर्य वंश सूर्यवंश के महाराज मान्धाता के छोटे भाई मंधात्री के वंशज है और सम्राट अशोक द्वारा बौद्ध धर्म धारण करने पर उन्हें सनातनियों ने शूद्र घोषित कर दिया था किन्तु जब आबू पर्वत पर आदि शंकराचार्य जी ने पुनः उन सभी क्षत्रियों को यज्ञ की अग्नि के समक्ष पुनः क्षात्र धर्म में नियुक्त किया तब वे ही परमार सोलंकी चौहान और चंदेल कुल बने जिनमे मौर्य के असली वंशज परमार राजपूत हैं।आज भी आगरा मालवा उज्जैन और निमाड़ में शुद्ध मौर्य राजपूत उसी प्राचीन नाम से मिलते हैं ,

भंडारकर और कई विदेशी देशी वामपंथी इतिहासकारों को पढकर पिछले 60 साल से गुज्जर भी जबरदस्ती लक्ष्मण के वंशज प्रतिहार वंश को अपना बताकर मिहिरभोज की जयंती मनाने लगे हैं जबकि प्रतिहार परिहार राजपूत और उनकी विभिन्न शाखाएँ आज भी लाखों की संख्या में कन्नौज एटा इटावा ग्वालियर नागौद बिहार पूर्वी उत्तर प्रदेश हरियाणा राजस्थान गुजरात खानदेश पंजाब हिमाचल प्रदेश उतराखंड में भरी पड़ी है जबकि देश भर में एक भी गुज्जर प्रतिहार परिहार वंश का नहीं है,,प्रतिहार राजपूतों का ऋषि गोत्र नागभट के समय से ही कश्यप चला आ रहा है और आज भी परिहार राजपूतों का ऋषि गोत्र कश्यप है ,,,जबकि जाट गूजर अहीर मुराई आदि जातियों के ऋषि गोत्र नहीं मिलते,जो इनके पहले से शूद्र होने का स्पष्ट प्रमाण हैं,ऋषि गोत्र सिर्फ ब्राह्मण,राजपूत,मराठो,राजू,नायर,काठी,खत्री आदि द्विज जातियों के मिलते हैं,
शूद्रों में ही विधवा महिला का नाता होता है न कि ब्राह्मण राजपूतो मराठो में बिलकुल नहीं होता.....

गुज्जर और जाट तो सिर्फ कुछ दशक पहले तक अंग्रेजो के समक्ष खुद के अधिकांश वंशो को राजपूत पिता और जाटनी,गूजरी माता की संतान से चला हुआ होने का दावा करके खुश होते थे,ये सब विवरण ब्रिटिश गजेटियरो में दर्ज हैं जिनके प्रमाणिक सबूत हमारे पास हार्ड और सॉफ्ट कॉपी में उपलब्ध हैं........

जाटों ने तो जाटलैंड डॉट कॉम के माध्यम से झूठ बोलने और गप फेकने के सारे रिकॉर्ड ही ध्वस्त कर दिए,उसे पढकर इनके कुछ ज्ञानी व्यक्ति भी हंसते जरुर होंगे कहीं वो हिटलर को जाट बताते हैं तो कहीं हनुमान जी को,कहीं खुद को शक कुषाण बताते हैं तो उसी आर्टिकल में खुद को श्रीकृष्ण ,अर्जुन का वंशज घोषित कर देते हैं,,,,,,
जो प्राचीन चन्द्रवंशी यौधेय जोहिया राजपूत वंश कई हजार साल से क्षत्रिय राजपूत समाज का अभिन्न अंग है उसके नाम पर उधार का नारा "जय यौधेय" लगाकर सोशल मिडिया पर खुश हो लेते हैं जबकि आरक्षण लेने के लिए जाट समाज ने अपने प्रत्यावेदन में खुद को प्राचीन चाण्डाल बताया और यहाँ तक कहा कि उनकी पहचान कुत्ते से सुंगवाकर की जाती थी,अभी हाल में हरियाणा के जाट नेता संपत सिंह ने भी जाटों को शूद्र बताया है.......

आरक्षण लेने के लिए तो खुद को शूद्र और चाण्डाल बताना और सोशल मिडिया,इन्टरनेट पर खुद को क्षत्रिय बताना और क्षत्रिय राजपूत वंशो पर दावा ठोकने वालो को क्या संज्ञा दी जाए???????

आभार---कुंवर राजेन्द्र सिंह जी

10 comments:

  1. RAGHVENDRA JI PLEASE PAHELE ANCIENT HISTORY YA PURANO KA SAHI ADHAYAYAN KR LE ,SHAKTI SANGAM TANTRA BHI AP JANKARI KE LIYE PAD SAKTE HAI HA KUCHH KAMINE AHIR NETA HAI. ISAKE VAJAH SE PURI JATI BADNAM NAHI HO SAKATI .MAI REWADI AHIR HU AP ISAKA ITIHASH DEKH SAKTE HAI RAJA RAO TULARAM KYA KSHATRIYA NAHI THE YA KRISHNA KE VANSHAJ NAHI THE AHIRO ME GOTRA PAYA JATA HAI AUR HA INHONE KABHI BHI BAUDH DHARM SWIKAR NAHI KIYA ISLIYE INKE LIYE GOTRA VYAVASTHA MAHTWAPURNA NAHI HAI.AUR HA AHIRO ME PAYI JANE WALI KUCHH VANSH AS,KRISHNAUT,MANDHRAUT,DAUA,YADUVASHI,NANDVANSHI,APHIRIYA,KHAIR,HI APNE AP KO BHAGVAN KRISHN KA VANSHAJ HONE KA DAVA KARATI HAI,SAB NAHI,

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  2. Bhai Sahab ye Jaat bahot jhoot boltay h APNA itihas maanney ko taiyyar NAHI

    Zara soft copy Dena proof ki wo khud ko jat ma AUR Rajput baap ki aulad batatey h

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  3. "राजपुताना सोच" इन मुद्दो को लेकर कोट क्यो नही जाते कोपी-राईट का केस क्यो नही करते ।जब कोट मै केस चलेगा तो सारा इतिहास "प्राचीन इतिहास" "मुगलो के समय का शतिहास" "अंग्रेजों के समय का इतिहास" निकाल कर सामने आयेगा सब..दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा ।
    कूये के मेढक की तरह टर्र-टर्र-टर्र यहाँ कर रहे हो।

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    1. Gujarat high court admitted that Jadeja Rajputs are real yaduvanshi not ahirs. Don't remember order number but I remember and still have the newspaper cutting of the same.

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  4. "जच श्री राम"

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  5. जाट चांडाल नही है बेवड़े कोर्ट में जाट नेताओं ने बताया था कि राजा दाहिर जाटो पर चांडालों जैसे कानून थोप दिये।
    वैसे उसे उस फल मिल गया था।

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  6. Abe ganjedi tai sabke blog ki post copy kiya karat han ka . Murav toka kaha se maurya vansh ka tital chor lag raha hai. Ashok samrat ne khud ko kushwaha namak kshatriya likh waya hai. Kush wansh bhagwan ram ke putra kush se chala hai, jinhe kushwanshi ya kushwaha(kachh,kachhwah,koiri,murav) kaha jata hai.murav ushi kush wansh ki shakha hai. Kushwaha kshatriya ki shakha kachhwah ne rajput kaal me raj kiya ishliye inhe kachhwaha-rajput kaha jata hai. Kshatriya kushwaha logo ki kuldeve - jamuaye mata/durga mata hai, gotra- kashya/manav. //Jai sri ram, jai kush, jai kushwaha//.

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  7. Sir, You are wrong totally on kachi, koiri, maurya. Need to increase knowledge. Kushwaha ( kachwaha) only after mp & raj.
    I know their are biases. Thank you

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  8. परमार और मौर्य अलग अलग कुल‌ है परमार मालवगणो से है जबकि मौर्य शाक्यो से थे ,मौर्यों के वर्तमान वंशज मोरी क्षत्रिय हैं जो गलतफहमी की वजह से खुद को परमारो की शाखा लिखते हैं बाकी प्रमारो और मौर्यों का कोई लेना देना नहीं है

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  9. Aapka itihas kamjor hai

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