Did Prithviraj Chauhan killed Mohmmad Ghauri?????
मौहम्मद गौरी का वध किसने किया था?
सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने अथवा खोखर राजपूतो ने??
वहीँ पृथ्वीराज रासो और भारतीय मान्यताओ के अनुसार सुल्तान मौहम्मद गौरी पृथ्वीराज को बन्दी बनाकर गजनी ले गया था,जहाँ उसने पृथ्वीराज चौहान को अँधा करवा दिया था,वही अवसर देखकर पृथ्वीराज चौहान ने गजनी में गौरी को शब्दभेदी बाण से मारा था!!!!जिसके बाद पृथ्वीराज चौहान भी वहीँ गजनी में वीरगति को प्राप्त हुए थे।।
जहाँ आधुनिक इतिहासकार मौहम्मद गौरी की कब्र पाकिस्तान के झेलम में होना मानते हैं
वहीँ गजनी में गौरी की कब्र होने की प्रबल मान्यता खुद अफगानिस्तान वासियों में है,
गजनी में मौहम्मद गौरी की कब्र आज भी मौजूद है जिसके बाहर सम्राट पृथ्वीराज चौहान की कच्ची समाधि है,जिसको गजनीवासी जूते से मारकर अपमानित किया करते थे।।
ब्रिटिश सेना में भारतीय मूल के राजपूत सैनिक जब अफगानिस्तान गए थे तो उन्होंने पृथ्वीराज चौहान की समाधि ढूँढने का प्रयत्न किया था।।
जब कंधार विमान हाइजैक मामले में तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह अफगानिस्तान गए थे तो उस समय उन्हें गजनी में पृथ्वीराज चौहान की समाधि होने की जानकारी खुद तालिबान सरकार के अधिकारियो ने दी थी,
यह जानकारी फूलन देवी हत्याकांड में जेल में बन्द शेरसिंह राणा को मिली तो उन्होंने सम्राट पृथ्वीराज चौहान की समाधि के अवशेष भारत वापस लाने का प्रण लिया और जेल से फरार होकर वो तमाम खतरों को को पार करते हुए अफगानिस्तान जा पहुंचे।।
वहां से मौका पाकर पृथ्वीराज की समाधि के अवशेष वो भारत वापस ले आए।
भारत आकर उन्होंने पृथ्वीराज की समाधि के अवशेष मैनपुरी की एक राजपूत संस्था को पृथ्वीराज स्मारक बनाने के लिए सौंप दिए।।
इस प्रकार गजनी में सम्राट पृथ्वीराज चौहान का सांकेतिक अपमान बन्द हुआ।।
यह भी जानकारी मिली है कि राजस्थान के नीमराणा इलाके के प्रसिद्ध गांव कांटी के ठाकुर दुर्जनसिंह चौहान जी भी ब्रिटिश काल में ही अफगानिस्तान जाकर पृथ्वीराज चौहान की समाधि के अवशेष भारत वापस ले आए थे, लेकिन उस महान उपलब्धि का प्रचार नही हुआ,जिससे गजनी में सम्राट पृथ्वीराज का सांकेतिक अपमान जारी रहा।।।।
चलिए अब लौटते हैं मूल मुद्दे पर कि गौरी को दरअसल किसने,कब और कहाँ मारा ????
सम्राट पृथ्वीराज चौहान कहाँ वीरगति को प्राप्त हुए??
अजमेर में या गजनी में???
इतिहासकारो के अनुसार------
अफगानिस्तान में घुरि राजवंश के दो सगे भाईयो गयासुद्दीन गौरी और शाहबुद्दीन गौरी ने सन् 1173 से 1202 तक संयुक्त रूप से शासन किया।
बड़े भाई गयासुद्दीन की मृत्यु सन् 1202 में होने के बाद शाहबुद्दीन गौरी ने 1202-1206 तक अकेले शासन किया था।सन् 1206 में पंजाब के झेलम के पास खोखर राजपूतो ने शाहबुद्दीन गौरी की हत्या कर दी थी।
यही शाहबुद्दीन गौरी तराईन के दोनों युद्धों में पृथ्वीराज चौहान की सेना से भिड़ा था।।अब सवाल ये है कि अगर बड़ा गौरी सन् 1202 में मरा और छोटा शाहबुद्दीन सन् 1206 में----
तो 1192-1193 में पृथ्वीराज चौहान ने किस गौरी को शब्दभेदी बाण से मारा था??????
=====अंतिम निष्कर्ष====
अगर पृथ्वीराज चौहान की हत्या अजमेर में हुई होती तो अफगानिस्तान (गजनी) में गौरी की कब्र और सम्राट पृथ्वीराज चौहान की समाधि पास पास नही होती।गजनी में सुल्तान गौरी की हत्या किसी काफिर हिन्दू राजा द्वारा किये जाने की मान्यता अफगानिस्तान में बहुत प्रबल है तभी तालिबानी अधिकारीयों द्वारा भारतीय विदेश मंत्री श्री जसवंत सिंह को जानकारी दी गयी कि गजनी में सुल्तान गौरी की कब्र और सम्राट पृथ्वीराज चौहान की समाधि पास पास है।।
इससे सम्राट पृथ्वीराज चौहान का अजमेर में मारा जाना पूर्णतया असत्य जान पड़ता है।
किन्तु यहाँ प्रश्न उतपन्न होता है कि पृथ्वीराज द्वारा सुल्तान गौरी का वध कब और कैसे हुआ????
तो परिस्थितिजनक साक्ष्यो से मालूम होता है कि पृथ्वीराज चौहान को नेत्रहीन करके गजनी में सन् 1192-1202 तक कैद करके रखा गया था,,सन् 1202 में सुल्तान गयासुद्दीन गौरी ने एक समारोह में पृथ्वीराज चौहान को कैद से निकालकर उनसे तीरंदाजी का हुनर दिखाने को कहा गया।।
वहीँ कुशल धनुर्धर महान राजपूत यौद्धा पृथ्वीराज चौहान ने शब्दभेदी बाण से सुल्तान गयासुद्दीन गौरी का वध कर दिया और खुद भी वीरगति को प्राप्त हो गए!!!!!!
तत्कालीन मुस्लिम इतिहासकारो द्वारा जानबूझकर इस घटना को छुपाने का प्रयास किया और पृथ्वीराज की हत्या अजमेर में किये जाने की फर्जी कहानी गढ़ी गयी,जबकि गजनी में सुल्तान गौरी और सम्राट पृथ्वीराज चौहान की समाधि होना उनके दावे का खण्डन करने के लिए पर्याप्त है।।।
इसके बाद गयासुद्दीन तुगलक का छोटा भाई शाहबुद्दीन मौहम्मद गौरी सन् 1202-1206 तक सुल्तान रहा,किन्तु सन् 1206 ईस्वी में उसे पंजाब के झेलम के पास खोखर राजपूतों (राठौर राजपूतो की शाखा) ने मार गिराया।
शाहबुद्दीन मौहम्मद गौरी की कब्र/मजार आज भी पंजाब(पाकिस्तान) के झेलम में स्थित है।।।
उपरोक्त विश्लेषण से स्पष्ट है कि दरअसल दो सुल्तान गौरी थे जो मिलकर अफगानिस्तान और भारत में अपने साम्राज्य का शासन चलाते थे।।
बड़े भाई गयासुद्दीन गौरी का वध पृथ्वीराज चौहान द्वारा सन् 1202 ईस्वी में गजनी में किया गया,
वहीँ छोटे भाई शाहबुद्दीन मौहम्मद गौरी का वध झेलम के पास खोखर (राठौर) राजपूतो द्वारा किया गया था।
बाद में जनमानस में मान्यताओं का घालमेल हो गया और भ्रामक मान्यताएं बन गयी जिनसे आधुनिक इतिहासकार भी भ्रमित हो गए और वो वास्तविक तथ्य नही लिख पाए।।
पृथ्वीराज चौहान सर्वकालिक महानतम राजपूत शासको में एक थे,
अगर काशी/कन्नौज के सम्राट जयचन्द्र गहरवार और अजमेर के सम्राट पृथ्वीराज चौहान मिलकर सुल्तान गौरी का मुकाबला करते तो तराईन के दूसरे युद्ध में भी न सिर्फ तुर्को की करारी हार होती, वरन् उन्हें समूल नष्ट किया जा सकता था,अगर ऐसा हो जाता तो भारतवर्ष का इतिहास कुछ और ही होता!!!!!
सम्राट पृथ्वीराज चौहान और उनकी विलक्षण वीरता को कोटि कोटि नमन।
This comment has been removed by a blog administrator.
ReplyDeleteJaha v galat prachar ho awaj uthani chahiye or sachayi batani chahiye
Deleteओह्ह सॉरी महेंद्र जी,हमे खेद है टच फोन की गलती से आपका कमेंट भूल से डिलीट हो गया,
DeletePrithvi raj chohan humari bhartvansh ki shan Hain use Afghan me beyjat hone se Bachana chahiye use bhart vaps lana chahiye
ReplyDeleteAbsolutely right jyoti ji
Deleteआपको एक बात और सोचनी चाहिए कि जो जैसा करता है वो वैसा भरता है
Deleteप्रथिवीराज ने भी जयचंद की लड़की को अगवा किया था हो सकता है उनकी इस हरकत से भगवान ने सज़ा देदी है
Prathvi Raj Chohan ki jae
DeletePrithvi Raj ne Jaichand ki larki ko agwa nahi kiya tha. Wo khud us se shadi karna chati thi.
DeleteShi kha wo prem krti thi unse ab jinhe shi ar glt ka bhed krna nhi ata unhe kuch bhi btana thik nhi etihas shi se pdo ar fir likho kuch 17 bar choda tha eski sza mili shyd
DeletePrithvi raj chohan humari bhartvansh ki shan Hain use Afghan me beyjat hone se Bachana chahiye use bhart vaps lana chahiye
ReplyDeleteGhori best
Deleteमोहम्मद गौरी की माँ का भोसड़ा
Deleteis mahan raja ki vapsi k liye pm modi ka dhiyan kiyun nahi jata.
ReplyDeleteपृथ्वीराज चौहान की समाधि की मिट्टी अफगानिस्तान से 2005 में शेर सिंह राणा ने लाया था
Deleteis mahan raja ki vapsi k liye pm modi ka dhiyan kiyun nahi jata.
ReplyDeleteशेर सिंह राणा वहां से अस्थियां निकाल लाया था।वैसे हमने पढ़ा है सुना भी है इंदिरा गांधी जी वहां मोहम्मद गौरी की समाधी पर गजनी गई थी मोहम्मद गौरी की समाधी पर लेकिन पृथ्वीराज चौहान की समाधी को छुआ ही नहीं ऐसा सुना है सच्चाई क्या है पता नहीं ।परन्तु कांग्रैस सरकार ने कोई प्रयास ही नहीं किया ।
DeleteKokha is jaat
ReplyDeleteKhokhar Jat naye naye bane hai shayad Dulla bhatti bhi jaat ban jayega thode time baad
DeleteJai jai prithviraj chouhan
ReplyDeletehttp://m.fecebook.com/story.php?story_fbid=19618688350765328&id=100008265468452 link par jakar dekhe sachchi pata chal jayegi.
ReplyDeletePrithvi Raj hm sharminda hy Gauri aur Jaichand Avi Jinda hy.. JAI HIND JAI HINDU
ReplyDeleteBhai Saab khokhar to Jatt hote h
ReplyDeleteSahi kha sir
DeleteHaan jab se loktantar aaya hai tab se bane hai ya Google ke aane par shayad
DeleteJaat ne maara ya rajput ne ye question nhi h .koi us samay ke Hindu ne Hi Mara h.
ReplyDeleteRajput ke isi jativaadi mansikta ke karan wo muglo ke ghulam rhe kyoki wo samay rahte wo other cast Hinduo ka vishwas jit nhi paye.
Ha
Deleteतेरे द्वारा लोगो को उनके गौरवशाली इतिहास को तोड़ मरोड़कर बता देने से ये साबित नही होगा।।
ReplyDeleteऐसा काम वे लोग लोग करते है जिनकी रगो मे खून नही पानी होता है।।
संभलकर रहना।।
Ya . App sahi hain
DeleteKuch bhi faklo gauri ko jats ne mara tha sara itihas to tumne apna jhoota aur bada chada ke likha rakha hai aur aab bhi jhoot se baaz ni aare gauri ne 1206 raaj kiya to vo 1192 mai kaha se mar gaya aur kon itna bada pagal hai jo kisi ko 17 baar chor dega ye jante hue bhi ki vo tujhe marna chahata hai ?
ReplyDeleteHat madarchod
DeleteGhori ko Prithvi Raj ne hi mara tha. Ye bat Bolney me unahi logon ko hi dar lagta hai jinki history itni giri hui hoti hai ki wo apni ijjat bahane ke liye jhuth bolney aur history ko badalne ke alawa khuch aur nahi kar sakte. India ka baccha-baccha is bat ko janta hai. Sirf kitabon ke akshar badal dene se hum apnI shan ko nahi bhulenge. Us wakt bhi aur about bhi India sirf isliye piche hai kyun ki yahan ke citizens United nahi hain. Sirf khuch logon hi pichri mansikta ki wahaj se des barbad ho raha hai. Shame on you........
DeleteJai Prithvi Raj.....
Jai Hind.....
जाटो ने मारा था ये लिखने में जोर आता है । जलते क्यों यो यार इतना तुम जाटो से
ReplyDelete😅
DeleteKhokar jato ke head ramlal khokar ne maara tha , hadd hai isse bhi rajput Bana Diya.
ReplyDeleteखोकर नही खोखर होता ढेड़। खोखर जाट कब से हो गए रखैल के बीज? रखैल से पैदा हुई औलाद को बाप का नाम भले मिल जाए लेकिन विरासत ना मिलती। ऐसे तो पृथ्वीराज को भी जाट बना ले क्योकि बागपत में चार गाँव मिलते हैं चौहान जाटो के। आज भी पाकिस्तान में खोखर राजपूतो के पांच हजार से उपर गाँव हैं। राजस्थान में सौ से उपर गाँव हैं। यूपी में चार सौ से उपर गाँव हैं। तुम खाली बागपत जिले के chaprauli के 3 गाँव के खोखर जाटो के उपर सब खोखरो को जाट बता देते हो, उसी बागपत में खोखर राजपूतो के 12 गाँव हैं और ये थोड़े बहुत खोखर जाट उन्ही की बांदी की औलाद हैं।
Deleteखोखर जाट हर जगह ह आप के मन में जाट जाति के खिलाफ जहर भरा ह सो सच्चाई कभी सविकर नहीं होगी आप से। बाकी राजपूत भी हमारे भाई ह ।
DeleteTu tha veer or rahega veero ke dilo me prathavi raj chouahan
ReplyDeleteJai ho
ReplyDeleteपृथ्वी राज चौहान हिंदू शेर थे दुनिया के किसी मुस्लिम में इतना दम नहीं था की उनके तलवार का सामना कर सके ये रंडी के लड़के मुस्लिम लोग सिर्फ धोखे से वार करते है .हमारे गद्दार जय चंद्र गदारी नहीं करता और एक हिंदू हिंदू का साथ देता तो मुस्लिम लोग इंडिया में घुस ही नहीं पाते .जय पृथ्वी राज चौहान
ReplyDeleteसिर्फ पृथ्वीराज चौहान जी का ही नहीं अपितु हमारे देश के प्राचीन इतिहास के मूल स्वरूप को बदलने की साजिश हो रही है
ReplyDeleteचार बांस चौबीस गज
ReplyDeleteअंगुल अष्ट प्रमाण!!
ता ऊपर सुल्तान है
मत चूको चौहान||
कितना झूठ खोखर हमेशा से जाट गोत्र ही रही है
ReplyDeleteNice article, very good
ReplyDeleteJato se Jalte raho galat ithihas likhte raho
ReplyDeleteजाट शासक रामलाल खोखर ने गौरी को 15 मार्च 1206 को मारा
ReplyDeleteAkhir kb tk jato ka itihas chhupate rahoge.......beta ye JAT hain inka DNA bolta hai
ReplyDeleteKhokhar hindu nahi the vo ek race the Nomadic Farmers the Baad me khokhar powerful hone lage to unhone khud ka rajya staphit kar liya tha jo ki baad me rajput kahlaye Baki Khokhar Farmers the vo jats ke sath mix ho gye Ram lal khokhar was khokhar not jat and rajput baad me jat rajput bane
ReplyDelete2022 kahtam ho rha hai or salo tum jaat/Rajput mein hi ladte maro.।। Dono Rajput hi the. Tum thodi der mein jaati paat karne lagoge🤣🤣🤣🤣
ReplyDeleteOr fir bologe jaichand gaddar tha 😂😂😂