ठाकुर राजनाथ सिंह, देश के यशस्वी गृहमंत्री-------
समुद्र मंथन के पश्चात् अमृत के साथ साथ हलाहल विष भी निकला था। अमृत देवताओं के हिस्से आया। देवतागण अमृतपान करके अमर हो गये। किन्तु ब्रह्माण्ड की रक्षा के लिए विषपान भगवान शंकर ने किया था। इसी से भगवान शिवजी नीलकंठ के नाम से प्रसिद्ध हुए।
आधुनिक काल में नीलकंठ की भूमिका जिस शख्स ने निभाई,उनका नाम है केन्द्रीय गृह मंत्री ठा० राजनाथ सिंह।
नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित कराने में राजनाथ सिंह की सशक्त भूमिका रही। बीजेपी के चुनाव अभियान में राजनाथ सिंह कंधे से कंधा मिलाकर मोदी जी के साथ खड़े रहे। ये मोदी लहर और राजनाथ सिंह की संगठन क्षमता का ही कमाल था कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2014 में जबर्दस्त विजय प्राप्त की।राजनाथ ने हर बुराई अपने सर ले ली और सब श्रेय मोदी जी को लेने दिया।
----जीवन परिचय----
जन्म-10 जुलाई 1951 (आयु 64 वर्ष) , इनका जन्म रैकवार RAIKWAR राजपूत वंश में हुआ है
जन्मस्थान---भभौरा, चंदौली जिला, उत्तर प्रदेश, उनके पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी था।
जीवन संगी-सावित्री सिंह
संतान--2 पुत्र 1 पुत्री
विद्याअर्जन-गोरखपुर विश्वविद्यालय
पेशा -भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता
शुरू से आरएसएस और जनसंघ से जुड़े रहे।आपातकाल का जमकर विरोध किया।इंदिरा गांधी की जनसभा में अकेले दम पर जमकर हंगामा किया और काले झंडे दिखाए।तब से संघ परिवार की नजरो में छाने लगे।
----राजनितिक जीवन की शुरुआत----
आपातकाल के बाद हुए चुनाव में बेहद युवावस्था 26 वर्ष की आयु में पहली बार मिर्जापुर से विधायक बने।
80 के दशक में भाजयुमो के राज्य अध्यक्ष और उसके बाद राष्ट्रिय अध्यक्ष भी रहे।
कल्याण सिंह सरकार में 1991 में यूपी के प्रभावी शिक्षामंत्री रहे।इनके द्वारा लागु किये नकल और ट्यूशन विरोधी कानूनों ने शिक्षा माफियाओ को ध्वस्त कर दिया था और यूपीबोर्ड में नकल बन्द हो गयी थी। उन्होंने बोर्ड परीक्षा में नकल को गैर जमानती अपराध बना दिया। आज तक उन्हें इस कार्य के लिए याद किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने दोबारा इतिहास लिखवा कर इतिहास के पाठ्यक्रम में बदलाव करवाया और वैदिक गणित को पहली बार पाठ्यक्रम में शामिल किया।
उनके मंत्री के रूप में कामकाज, ईमानदारी और लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें जल्द ही भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया गया। प्रदेशाध्यक्ष के कार्यकाल में कार्यकर्ताओ में इतनी लोकप्रिय हुए कि उन्हें जल्द ही 1999 में वाजपेयी सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री बना दिया गया।
----मुख्यमंत्रिकाल----
राजनाथ सिंह जी सन् 2000–2002 के बीच यूपी के मुख्यमन्त्री रहे।
प्रदेश में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें 2000 में केंद्र से वापिस बुलाकर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। इस कार्यकाल में उन्होंने आरक्षण व्यवस्था को ठीक करने के लिये कड़े कदम उठाए। उन्होंने पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित वर्ग में विभाजन को लागू किया जिससे आरक्षण का लाभ वास्तविक अति पिछडो तक पहुँचे। लेकिन जातिवाद से ग्रस्त कोर्ट ने इसे भी बाद में खारिज कर दिया।
उनका कार्यकाल आज भी उच्च कोटि के प्रशासन के लिए याद किया जाता है। किन्तु जातिवादी ताकतों को एक ठाकुर का मुख्यमन्त्री बनना रास नही आया और इसी कारण मुख्यमन्त्री के रूप में जबरदस्त सफलता के बावजूद बीजेपी की हार हुई।
अगर राजनाथ सिंह को यूपी के मुख्यमन्त्री पद पर कार्य करने हेतु एक कार्यकाल और मिल जाता तो आज यूपी की ये दुर्दशा नही होती।
2003 में राजनाथ सिंह जी को केंद्रीय कृषि मंत्री बनाया गया। इस छोटे से कार्यकाल में उन्होंने अनेक योजनाए शुरू करी। किसान क्रेडिट कार्ड योजना इन्हीं की देन है। किसान कॉल सेंटर और खेती आय बीमा योजना भी इन्होंने ही शुरू करी थी। इसके अलावा किसानो को लोन देने में ब्याज दर में कमी और किसान आयोग प्रथम बार स्थापित करने का श्रेय भी राजनाथ सिंह जी को जाता है।
2002 के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जानबूझकर राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश की राजनीति से दूर रखा गया और प्रदेश में अपने जनाधारविहीन चमचो को वरीयता दी। यहां तक की अटल आडवाणी की जोड़ी ने मायावती को भाजपा के हितो के ऊपर वरीयता दी। इन कारणों से भाजपा उत्तर प्रदेश में कमजोर होती गई। इस दौरान उन्हें विभिन्न राज्यो का प्रभारी महासचिव बनाकर भेजा गया और हर जगह उन्होंने उन विपरीत परिस्थितियों में भी कमल खिलाया। राजनाथ सिंह केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उपेक्षा के बावजूद पार्टी के अनुशासित सिपाही बनकर बिना कोई रोष जताए काम करते रहे। दुसरे चुनावो में भी उनकी सभाओ के लीये उम्मीदवारो द्वारा डिमांड और उनकी सभाओ में भीड़ ने उन बेवकूफ विश्लेषकों की बोलती बन्द कर दी जो उन्हें जनाधारविहीन नेता साबित करने की कोशिश करते थे।
भाजपा जब केंद्र में घोर गुटबाजी और नेतृत्व के संकट से जूझ रही थी तो उनकी ईमानदारी, पार्टी और हिंदुत्व के प्रति प्रतिबद्धता और गुटबाजी से दूर रहने के कारणों की वजह से उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। लाल कृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज जैसे नेताओ की गुटबाजियो और अंडरखांने विरोध के बावजूद वो भाजपा में पहली बार लगातार दूसरी बार भी राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए।
दूसरी बार 23 जनवरी 2013 – 09 जुलाई 2014 तक।इस बार राजनाथ सिंह ने मोदी के साथ मिलकर अपनी कुशल रणनीति से बीजेपी को प्रचण्ड बहुमत दिलाया।जीत के असली हीरो वही थे पर मोदी जी ने जीत का श्रेय अमित शाह को दे कर उन्हें राष्ट्रिय अध्यक्ष बना दिया।
अरुण जेटली और बीजेपी के ठाकुर विरोधी नेताओं ने उन्हें कई बार बदनाम करने का प्रयास किया पर वो विफल रहे।क्योंकि सब जानते हैं कि राजनाथ सिंह का चरित्र शीशे की तरह साफ़ है।
26 मई 2014 से देश के ग्रह मंत्री हैं।तब से पूर्वोत्तर के आतंकियों को म्यांमार में घुसकर मारने का निर्णय उन्ही का था।चीनी घुसपैठ और नक्सलवाद पर प्रभावी रोक लगाई।राजनाथ सिंह जी ने सीमा पर पाकिस्तान की ओर से होने वाली गोलीबारी का मुहतोड़ जवाब देने के लिए अर्धसैनिक बलों को खुली छूट दी है और कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को माकूल जवाब दिया है।
गौहत्या विधेयक के प्रबल समर्थक,पर अभी मोदी जी ने हरी झण्डी नही दी।
राजनाथ सिंह धर्मान्तरण पर पूर्ण रोक के पक्ष में हैं।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी ने सर्वसम्मति से कुछ अप्रिय निर्णय लिए गये,जिनका पूरा अपयश राजनाथ सिंह ने अपने सर ले लिया।
वहीं हर प्रकार के अच्छे कार्य का श्रेय उन्होंने मोदी जी को दिया,जिससे जनता में मोदी जी का यशगान होता रहे।उनकी प्रतिभा और लौह पुरुश की छवि से प्रभावित मोदी जी ने स्वयम उनसे गृह मंत्री बनने का आग्रह किया,जिसे वो टाल नही पाए।
कुछ राजपूत भाई भी अज्ञानतावश व कुछ निजी खुन्नस के कारण उनकी आलोचना करते हैं। जबकि कुछ अन्य समाज के लोग जो राजपूतों को उच्च पद पर देखना नही चाहते,वो भी राजनाथ सिंह की अनर्गल आलोचना करते हैं।
जबकि राजनाथ सिंह बेहद ईमानदार,हिन्दुत्ववादी, जातिवाद से दूर,पक्षपात रहित लौह इरादों वाले नेता हैं।
बीजेपी के इतिहास में उनसे सफल राष्ट्रिय अध्यक्ष कोई दूसरा नही हुआ है।
प्रधानमन्त्री मोदी जी इन्हें यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के लिए बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना चाहते हैं जिसे अभी तक राजनाथ सिंह अस्वीकार कर रहे हैं।वैसे इस समय राजनाथ सिंह यूपी के सबसे योग्य और लोकप्रिय नेताओं में हैं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि वे सरदार पटेल की भांति सफल गृह मंत्री के रूप में इतिहास में याद किये जाए। और मोदी जी के नेत्रत्व में देश सभी संकटों से दूर रहकर उन्नति के पथ पर अग्रसर हो।
जय श्री राम,जय भारत,जय राजपूताना।
समुद्र मंथन के पश्चात् अमृत के साथ साथ हलाहल विष भी निकला था। अमृत देवताओं के हिस्से आया। देवतागण अमृतपान करके अमर हो गये। किन्तु ब्रह्माण्ड की रक्षा के लिए विषपान भगवान शंकर ने किया था। इसी से भगवान शिवजी नीलकंठ के नाम से प्रसिद्ध हुए।
आधुनिक काल में नीलकंठ की भूमिका जिस शख्स ने निभाई,उनका नाम है केन्द्रीय गृह मंत्री ठा० राजनाथ सिंह।
नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित कराने में राजनाथ सिंह की सशक्त भूमिका रही। बीजेपी के चुनाव अभियान में राजनाथ सिंह कंधे से कंधा मिलाकर मोदी जी के साथ खड़े रहे। ये मोदी लहर और राजनाथ सिंह की संगठन क्षमता का ही कमाल था कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2014 में जबर्दस्त विजय प्राप्त की।राजनाथ ने हर बुराई अपने सर ले ली और सब श्रेय मोदी जी को लेने दिया।
----जीवन परिचय----
जन्म-10 जुलाई 1951 (आयु 64 वर्ष) , इनका जन्म रैकवार RAIKWAR राजपूत वंश में हुआ है
जन्मस्थान---भभौरा, चंदौली जिला, उत्तर प्रदेश, उनके पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी था।
जीवन संगी-सावित्री सिंह
संतान--2 पुत्र 1 पुत्री
विद्याअर्जन-गोरखपुर विश्वविद्यालय
पेशा -भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता
शुरू से आरएसएस और जनसंघ से जुड़े रहे।आपातकाल का जमकर विरोध किया।इंदिरा गांधी की जनसभा में अकेले दम पर जमकर हंगामा किया और काले झंडे दिखाए।तब से संघ परिवार की नजरो में छाने लगे।
----राजनितिक जीवन की शुरुआत----
आपातकाल के बाद हुए चुनाव में बेहद युवावस्था 26 वर्ष की आयु में पहली बार मिर्जापुर से विधायक बने।
80 के दशक में भाजयुमो के राज्य अध्यक्ष और उसके बाद राष्ट्रिय अध्यक्ष भी रहे।
कल्याण सिंह सरकार में 1991 में यूपी के प्रभावी शिक्षामंत्री रहे।इनके द्वारा लागु किये नकल और ट्यूशन विरोधी कानूनों ने शिक्षा माफियाओ को ध्वस्त कर दिया था और यूपीबोर्ड में नकल बन्द हो गयी थी। उन्होंने बोर्ड परीक्षा में नकल को गैर जमानती अपराध बना दिया। आज तक उन्हें इस कार्य के लिए याद किया जाता है। इसके अलावा उन्होंने दोबारा इतिहास लिखवा कर इतिहास के पाठ्यक्रम में बदलाव करवाया और वैदिक गणित को पहली बार पाठ्यक्रम में शामिल किया।
उनके मंत्री के रूप में कामकाज, ईमानदारी और लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें जल्द ही भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया गया। प्रदेशाध्यक्ष के कार्यकाल में कार्यकर्ताओ में इतनी लोकप्रिय हुए कि उन्हें जल्द ही 1999 में वाजपेयी सरकार में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री बना दिया गया।
----मुख्यमंत्रिकाल----
राजनाथ सिंह जी सन् 2000–2002 के बीच यूपी के मुख्यमन्त्री रहे।
प्रदेश में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें 2000 में केंद्र से वापिस बुलाकर उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया। इस कार्यकाल में उन्होंने आरक्षण व्यवस्था को ठीक करने के लिये कड़े कदम उठाए। उन्होंने पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित वर्ग में विभाजन को लागू किया जिससे आरक्षण का लाभ वास्तविक अति पिछडो तक पहुँचे। लेकिन जातिवाद से ग्रस्त कोर्ट ने इसे भी बाद में खारिज कर दिया।
उनका कार्यकाल आज भी उच्च कोटि के प्रशासन के लिए याद किया जाता है। किन्तु जातिवादी ताकतों को एक ठाकुर का मुख्यमन्त्री बनना रास नही आया और इसी कारण मुख्यमन्त्री के रूप में जबरदस्त सफलता के बावजूद बीजेपी की हार हुई।
अगर राजनाथ सिंह को यूपी के मुख्यमन्त्री पद पर कार्य करने हेतु एक कार्यकाल और मिल जाता तो आज यूपी की ये दुर्दशा नही होती।
2003 में राजनाथ सिंह जी को केंद्रीय कृषि मंत्री बनाया गया। इस छोटे से कार्यकाल में उन्होंने अनेक योजनाए शुरू करी। किसान क्रेडिट कार्ड योजना इन्हीं की देन है। किसान कॉल सेंटर और खेती आय बीमा योजना भी इन्होंने ही शुरू करी थी। इसके अलावा किसानो को लोन देने में ब्याज दर में कमी और किसान आयोग प्रथम बार स्थापित करने का श्रेय भी राजनाथ सिंह जी को जाता है।
2002 के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जानबूझकर राजनाथ सिंह को उत्तर प्रदेश की राजनीति से दूर रखा गया और प्रदेश में अपने जनाधारविहीन चमचो को वरीयता दी। यहां तक की अटल आडवाणी की जोड़ी ने मायावती को भाजपा के हितो के ऊपर वरीयता दी। इन कारणों से भाजपा उत्तर प्रदेश में कमजोर होती गई। इस दौरान उन्हें विभिन्न राज्यो का प्रभारी महासचिव बनाकर भेजा गया और हर जगह उन्होंने उन विपरीत परिस्थितियों में भी कमल खिलाया। राजनाथ सिंह केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उपेक्षा के बावजूद पार्टी के अनुशासित सिपाही बनकर बिना कोई रोष जताए काम करते रहे। दुसरे चुनावो में भी उनकी सभाओ के लीये उम्मीदवारो द्वारा डिमांड और उनकी सभाओ में भीड़ ने उन बेवकूफ विश्लेषकों की बोलती बन्द कर दी जो उन्हें जनाधारविहीन नेता साबित करने की कोशिश करते थे।
भाजपा जब केंद्र में घोर गुटबाजी और नेतृत्व के संकट से जूझ रही थी तो उनकी ईमानदारी, पार्टी और हिंदुत्व के प्रति प्रतिबद्धता और गुटबाजी से दूर रहने के कारणों की वजह से उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। लाल कृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली और सुषमा स्वराज जैसे नेताओ की गुटबाजियो और अंडरखांने विरोध के बावजूद वो भाजपा में पहली बार लगातार दूसरी बार भी राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए।
दूसरी बार 23 जनवरी 2013 – 09 जुलाई 2014 तक।इस बार राजनाथ सिंह ने मोदी के साथ मिलकर अपनी कुशल रणनीति से बीजेपी को प्रचण्ड बहुमत दिलाया।जीत के असली हीरो वही थे पर मोदी जी ने जीत का श्रेय अमित शाह को दे कर उन्हें राष्ट्रिय अध्यक्ष बना दिया।
अरुण जेटली और बीजेपी के ठाकुर विरोधी नेताओं ने उन्हें कई बार बदनाम करने का प्रयास किया पर वो विफल रहे।क्योंकि सब जानते हैं कि राजनाथ सिंह का चरित्र शीशे की तरह साफ़ है।
26 मई 2014 से देश के ग्रह मंत्री हैं।तब से पूर्वोत्तर के आतंकियों को म्यांमार में घुसकर मारने का निर्णय उन्ही का था।चीनी घुसपैठ और नक्सलवाद पर प्रभावी रोक लगाई।राजनाथ सिंह जी ने सीमा पर पाकिस्तान की ओर से होने वाली गोलीबारी का मुहतोड़ जवाब देने के लिए अर्धसैनिक बलों को खुली छूट दी है और कश्मीर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को माकूल जवाब दिया है।
गौहत्या विधेयक के प्रबल समर्थक,पर अभी मोदी जी ने हरी झण्डी नही दी।
राजनाथ सिंह धर्मान्तरण पर पूर्ण रोक के पक्ष में हैं।
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी ने सर्वसम्मति से कुछ अप्रिय निर्णय लिए गये,जिनका पूरा अपयश राजनाथ सिंह ने अपने सर ले लिया।
वहीं हर प्रकार के अच्छे कार्य का श्रेय उन्होंने मोदी जी को दिया,जिससे जनता में मोदी जी का यशगान होता रहे।उनकी प्रतिभा और लौह पुरुश की छवि से प्रभावित मोदी जी ने स्वयम उनसे गृह मंत्री बनने का आग्रह किया,जिसे वो टाल नही पाए।
कुछ राजपूत भाई भी अज्ञानतावश व कुछ निजी खुन्नस के कारण उनकी आलोचना करते हैं। जबकि कुछ अन्य समाज के लोग जो राजपूतों को उच्च पद पर देखना नही चाहते,वो भी राजनाथ सिंह की अनर्गल आलोचना करते हैं।
जबकि राजनाथ सिंह बेहद ईमानदार,हिन्दुत्ववादी, जातिवाद से दूर,पक्षपात रहित लौह इरादों वाले नेता हैं।
बीजेपी के इतिहास में उनसे सफल राष्ट्रिय अध्यक्ष कोई दूसरा नही हुआ है।
प्रधानमन्त्री मोदी जी इन्हें यूपी विधानसभा चुनाव 2017 के लिए बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाना चाहते हैं जिसे अभी तक राजनाथ सिंह अस्वीकार कर रहे हैं।वैसे इस समय राजनाथ सिंह यूपी के सबसे योग्य और लोकप्रिय नेताओं में हैं।
ईश्वर से प्रार्थना है कि वे सरदार पटेल की भांति सफल गृह मंत्री के रूप में इतिहास में याद किये जाए। और मोदी जी के नेत्रत्व में देश सभी संकटों से दूर रहकर उन्नति के पथ पर अग्रसर हो।
जय श्री राम,जय भारत,जय राजपूताना।
jai rajputana
ReplyDeleteJai Rajputana
ReplyDeleteHamne khi padha tha ki Rajnath Singh bais Rajput vansh se hai
ReplyDeleteNo ye raikwar hai mere gaav ke
DeleteRaikwar ( rathore ) gotra bhardwaj hota hai rajsthan me ye rajput bikaner dausa karauli district me hai
ReplyDeleteHukum aap kaha se ho
DeleteRaikwar is a branch of rathore himachal pradesh
ReplyDeleteRaikwar is a branch of Rathore dynasty of marwar rajasthan.
DeleteRaikwar suryavanshi rathore ke branch hai ...raikwar thakur from ramnagar dhameri
ReplyDeleteरैकवार क्षत्रिय सूर्यवंशी राठौड़ की शाखा है ।। गोत्र भारद्वाज, विशिष्ठ है ।।
ReplyDeleteरैकवार क्षत्रिय रायकागढ़ जम्मू से देश के अलग अलग हिस्से में जाने के कारण रैकवार क्षत्रिय नाम से जाना जाता है।।गोत्र भारद्वाज कुलदेवता भगवान राम कुलदेवी माता दुर्गा, नागणेच्या माता
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